गांवों में ग्रामीणों ने रैली निकालकर किया पदयात्रा का आरंभ, पहले दिन उर्गम घाटी के बांसा गांव पहुंचे युवक–
गोपेश्वर: ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के कह रही है झोपड़ीऔ’ पूछते हैं खेत भी, कब तलक लुटते रहेंगे लोग..इस गीत के साथ डुमक गांव के ग्रामीण अब सड़क निर्माण के लिए पदयात्रा पर निकल गए हैं। सोमवार को पदयात्रा उर्गम घाटी के बांसा गांव पहुंची।
मंगलवार को गांव में बैठक के बाद यात्रा आगे पहुंचेगी। सैंजी लग्गा मैकोटवेमरूस्यूंणडुमकसड़क को पुराने समरेखण से बनाने की मांग को लेकर डुमक के युवाओं ने सोमवार को पदयात्रा शुरू कर दी है। साल के पहले दिन ग्रामीणों ने रैली निकालकर पदयात्रा का आरंभ करते हुए सरकार व विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

सोमवार को डुमक गांव में रैली का आयोजन किया गया, जिसके बाद युवाओं ने पदयात्रा शुरू की। पदयात्रा कलगोठ गांव होते हुए देर शाम को वांसा गांव पहुंची। जहां महिला मंगलदल व युवक मंगलदल ने युवाओं का स्वागत किया। लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि पदयात्रा उन सभी गांवों से होकर गुजरेगी जो इस सड़क से लाभांवित होंगे।
संयुक्त संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि हम सभी गांवों को सड़क से जोड़ने के पक्ष में हैं, लेकिन हमारे गांव को सड़क से वंचित किया जा रहा है। गांव को सड़क से जोड़ने के लिए हम हर स्तर पर जाकर संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। इस दौरान लक्ष्मण सिंह सनवाल, मंदोदरी देवी, शकुंतला देवी, सुभद्रा देवी, गंगा सिंह, राजेंद्र सिंह, सोवत सिंह, बच्ची देवी के साथ ही कई लोग मौजूद रहे। ग्रामीणों में सड़क निर्माण की धीमी प्रगति को लेकर आक्रोश है। अब यह आक्रोश कलेक्ट्रेट तक पहुंचेगा।