जोशीमठ में भूगर्भ रिपोर्ट पर भी जताई आपत्ति, कहा सरकारी भवन, सेना, आईटीबीपी, एनटीपीसी के भवन सुरक्षित और उनके भवन असुरक्षित कैसे हो गए —
जोशीमठ (चमोली): पुनर्वास के लिए जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावितों को शासन-प्रशासन की ओर से दिए गए विकल्प पत्रों को बिना भरे ही प्रभावितों ने तहसील में अधिकारियों को लौटा दिए। इससे पहले प्रभावितों ने नगर में पारंपरिक वाद्ययंत्र ढोल दमाऊं के साथ तहसील तक प्रदर्शन किया। आपदा प्रभावितों ने दो टूक शब्दों में कि वे जोशीमठ की अपनी थाती माटी को छोड़कर कहीं अन्यत्र नहीं जाएंगे,

उन्होंने भू सर्वेक्षण को लेकर वैज्ञानिकों की रिपोर्ट पर भी असंतुष्टि जताई। कहा कि ऐसा कैसे हो गया कि सरकारी भवन, सेना, आईटीबीपी, एनटीपीसी के भवनों को सुरक्षित श्रेणी में रखा गया है जबकि आवासीय भवनों को उच्च जोखिम में रखा गया है। जबकि सभी भवन आसपास बसे हुए हैं। आपदा के बाद से नगर में सभी तरह के निर्माण कार्य पर रोक है, उसके बावजूद यहां धडल्ले से निर्माण कार्य चल रहे हैं, उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की।

उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में कहा गया है कि नगर के मूल निवासियों व पुश्तैनी निवासियों की प्रभावित क्षेत्र के अलावा मारवाड़ी, सुनील, गौख, औली, होसी, मनोटी तक निजी भूमि, गौशालाएं, देवालय, मठ मंदिर हैं। इस जगह से उनका कई पीढ़ी से जुड़ाव है। इस मौके पर बदरीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, समीर डिमरी, सुभाष डिमरी, प्रकाश नेगी, भगवती प्रसाद नंबूरी, हरेंद्र राणा, रमेश डिमरी, प्रदीप भट्ट, वैभव सकलानी के साथ ही कई अन्य लोग भी बड़ी संख्या में रैली में सम्मलित हुए।