अंतिम सांस तक पर्यावरण संरक्षण और समाज सेवा के लिए समर्पित किया जीवन, मुरारी लाल के इस काम से चकित रह गए थे कृषि वैज्ञानिक–
गोपेश्वर (चमोली): प्रसिद्ध पर्यावरणविद चिपको नेता मुरारी लाल का शुक्रवार को सुबह चार बजे निधन हो गया। वे 91 साल के थे। उनके निधन पर पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट के साथ ही कई लोगों ने शोेक प्रकट किया। स्वर्गीय मुरारी लाल ने पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन के लिए अद्वितीय काम किए।
अस्सी के दशक में चमोली दौरे पर पहुंचे कृषि वैज्ञानिकों को मुरारी लाल अपने गांव पपड़ियाणा ले गए। उन्होंने यहां बांज का जंगल खड़ा करने की इच्छा जताई। लेकिन कृषि वैज्ञानिकों ने उनकी बात नकार दी, और कहा कि पपड़ियाणा गांव समुद्र तल से करीब 3000 फीट की ऊंचाई पर है, जबकि बांज साढ़े चार हजार फीट की ऊंचाई पर होता है। इसके बावजूद भी पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित मुरारी लाल ने गांव में बांज का जंगल खड़ा कर दिया। आज भी पपड़ियाणा में बांज के पेड़ लहलहाते हैं। जिसके बाद कृषि विभाग ने उन्हें सम्मानित किया था।
91 साल के श्री लाल का पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित रहा। निधन होने के कुछ दिन पूर्व भी वे सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। उनके निधन पर पदमविभूषित चंडी प्रसाद भट्ट, मानवाधिकार संगठन के जिलाध्यक्ष जसवंत लाल, मंगला कोठियाल, सीपीबी पर्यावरण संगठन के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट के साथ ही विभिन्न संगठन वैचारिक महा सभा, सेवा स्तम्भ, अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन, शिल्पकार सभा,मूलनिवासी संघ, कर्मचारी कल्याण महासंघ, अंबेडकर छात्रा वास, बामसेफ चमोली के पदाधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।