हर साल बैसाख माह में होता है मेले का आयोजन, मुखौटा नृत्य के साथ हुए कई धार्मिक आयोजन–
जोशीमठ (चमोली): सेलंग गांव में रविवार को रम्माण का आयोजन धूमधाम के साथ किया गया। जिसमें मुखौटा नृत्य के साथ विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी के साथ बैसाखी से चले आ रहे मेले का भी समापन हो गया।
पैनखंडा के सेलंग गांव में हर साल बैसाख की संक्रांति पर यह मेला शुरू हो जाता है। मेले में हर दिन भूमियाल देवता पूजा की जाती है और भात का भोग लगाया जाता है। जिसमें गांव का प्रत्येक परिवार शामिल होता है। मेले समापन सांस्कृतिक विरासत रम्माण के साथ होता है। ग्राम पंचायत की संयुक्त बैठक में रम्माण की तिथि घोषित होती है। मेले का दिन गते में निकाला जाता है जो बेजोड़ होना चाहिए और दिन बुधवार या रविवार में से एक होना चाहिए। मेले में भूमियाल देवता की पूजा की जाती है जिसमें लोग अच्छी फसल और देवीय आपदा से रक्षा की कामना करते हैं।
रविवार को ओयाजित किए गए रम्माण मेले में मुख्य रूप से गणेश, राम, लक्ष्मण, सीता, अनुमान ने ढोल की 18 ताल पर नृत्य किया। इसके अलावा सूर्य, कानडू, ईश्वर, गाना-गानी, माल मल युद्ध नृत्य आदि किए गए। चोर का पात्र लोगों का मनोरंजन करता है। अंत में भूमियाल देवता पाश्व पर अवतरित हुए और भक्तों का आशीर्वाद देकर अपने मूल स्थान पर सालभर के लिए विराजमान हो गए।
इस दौरान कृष्णमणि थपलियाल, मोहन सिंह, फरस्वाण, शिशुपाल सिंह भंडारी, कर्ण सिंह बिष्ट, राजेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, राजे सिंह, धर्म सिंह, सुदर्शन सिंह, संदेश सिंह, सरिता देवी, भवानी देवी, आशा देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।