घाटी के सैर-सपाटे के लिए पर्यटकों में बना उत्साह, पढ़ें कैसे पहुंचे फूलों की घाटी, 15 दिन में रंग बदलती है यह अदभुत घाटी–
जोशीमठ (चमोली): विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी एक जून शनिवार को पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। पहले दिन 77 पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया। फूलों की घाटी में फूलों का खिलना शुरू हो गया है। 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच घाटी में करीब 500 प्रजाति के फूल खिल जाते हैं, इस दौरान प्रत्येक 15 दिन में यह घाटी रंग-बिरंगे फूलों के खिलने से अपना रंग बदलती है। शनिवार को नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ बीबी मार्तोलिया ने घांघरिया में फूलों की घाटी के प्रवेश द्वार पर हर झंडी दिखाकर पर्यटकों को घाटी के लिए रवाना किया।
फूलों की घाटी के लिए गोविंदघाट से पांच किलोमीटर की दूरी पर पुलना गांव तक वाहन से पहुंचा जाता है। यहां से करीब नौ किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर पर्यटक घांघरिया पहुंचते हैं। यहां रात्रि प्रवास के बाद दूसरे दिन पर्यटक यहां से फूलों की घाटी के लिए निकलते हैं। घांघरिया से फूलों की घाटी का ट्रैक करीब तीन किलोमीटर का है। दिनभर घाटी में सैर-सपाटे के बाद पर्यटक फिर रात्रि प्रवास के लिए घांघरिया पहुंचते हैं। घांघरिया से एक रास्ता हेमकुंड साहिब के लिए भी जाता है। हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी जाने वाले श्रद्धालु व पर्यटक घांघरिया में ही रात्रि प्रवास करते हैं।