दियालीसेरा में हर साल प्राकृतिक रुप से उगती है धान, सभी को हैरान कर देता है दियालीसेरा–
जोशीमठ: चमोली जनपद में स्थित एक ऐसा स्थान जहां हर साल प्राकृतिक रुप से धान उगती है। यहां दूर दूर तक फैले बुग्याल बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं, लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में यह खूबसूरत पर्यटन स्थल आज भी पर्यटकों की नजरों से दूर है। सुंदर बुग्यालों वाला यह रहस्यमयी क्षेत्र आज भी पर्यटकों की नजरों से दूर है। उच्च हिमालय क्षेत्र में स्थित
दियालीसेरा रोमांच और कौतुहल से भरा हुआ है। यहां बुग्यालों के बीच एक ऐसा सेरा है जहां हर साल प्राकृतिक रूप से धान उगती है। लेकिन प्रकृति प्रेमियों व पर्यटकों की नजरों से ओझल यह क्षेत्र लगातार उपेक्षा झेल रहा है।
करछो गांव के उत्तरी क्षेत्र में स्थित इस स्थान को लेकर लोगों में पौराणिक मान्यताए हैं। माना जाता है कि यहां पर वन देवियां धान की खेती करती हैं। बहुत कम पर्यटक ही यहां पहुंचते हैं। ज्यादातर स्थानीय लोग ही यहां पहुंच पाते हैं। करछो गांव निवासी विक्रम फरस्वाण का कहना है कि यदि इस क्षेत्र का सही से प्रचार-प्रसार हो तो यह आने वाले समय में दुनिया के सबसे सुंदर और रमस्यमयी पर्यटक स्थलों में से एक हो सकता है। लेकिन इसके लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए।
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कैसे पहुंचे दियारीसेरा
इस जगह जाने के लिए दो रास्ते हैं। पहला ज्योतिर्मठ से करछौं तक वाहन से पहुंचा जा सकता है। उसके बाद करीब आठ किमी पैदल दूरी पर यह सुंदर स्थान है। यहां पहुंचने के लिए दुरकुडा में पहला पड़ावपड़ता है, यहां रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन इस जगह पर जाया जाता है। दूसरा मार्ग औली से है, यहां से करीब दस किमी की पैदल दूरी पर यह स्थान है। लेकिन सबसे सुगम रास्ता करछों होकर माना जाता है।
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यहां जाने का सबसे उचित समय
– अगस्त, सितंबर व अक्तूबर यहां जाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस समय यहां सेरे में धान दिख जाती है। सर्दियों में यहां बर्फबारी होती है।