बंड मेला: सरकारी में बदरीनाथ वन प्रभाग और गैर सरकारी में स्वामी विवेकानंद चिकित्सालय रहा प्रथम–

by | Dec 27, 2024 | उत्सव, चमोली | 0 comments

एक साप्ताहिक बंड मेले का हुेआ समापन, लोगों ने जमकर की खरीदारी–

पीपलकोटी। एक साप्ताहिक बंड मेले का समापन हो गया है। मेले में कई सांस्कृृतिक कला मंचों के कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुतियां दी। पुरस्कार वितरण के साथ मेले का समापन हो गया है। मेले में लगे वि​भिन्नस्टाॅलों में सर्वश्रेष्ठ स्टॉल बदरीनाथ वन प्रभाग का चुना गया। बदरीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर ने प्रथम, उद्योग विभाग गोपेश्वर ने द्वितीय और उद्यान व कृषि विभाग ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है।

गैर सरकारी विभाग में स्वामी विवेकानंद धर्मार्थ चिकित्सालय पीपलकोटी ने प्रथम, घनश्याम पहाड़ीफ्रूडप्रोडेक्टसगर ने द्वितीय तथा अलकनंदा स्वयं सहायता समूह आगाज फेडरेशन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है। स्वयं सहायता समूह में मां भवानी स्वयं सहायता समूह हाट, जय भूमियाल देवता समूह दुर्मी, लक्ष्मी नारायण समूह पाखी ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया है।

बृहस्पतिवार को मेले में मेलार्थियों की जमकर भीड़ उमड़ी। लोगों ने स्टॉल के साथ ही मेला मैदान में लगी दुकानों से खरीदारी की। मेले में लोकगायकों के साथ ही स्थानीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं व लोक कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। मेले की अंतिम सांस्कृतिक संध्या लोकगायक मंगलेश डंगवाल और गायिका मंजू सुंदरियाल के नाम रही।

कार्यक्रमों का शुभारंभ पूर्व ब्लॉक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट, संदीप रावत और कुलदीप वर्मा ने किया। इसके बाद मंगलेश डंगवाल ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत मां नंदा के जागर से की। इसके बाद उन्होंने जय हो मेरी अंबे भवानी.., सिल्की बांद, तेरी प्रेम माया मां.., मेरी छोंदड़ीसजधजी के गोरी गल्वाड़ी.., माया बांद का त्वेअपणीं बढ़ोलू.., सजी जाली तोली सुरमा, सटनाली.., मेरी भुगादा सजली, नाक मां के नथुली..आदि गीतों की शानदार प्रस्तुतियां दी।

इन गीतों पर दर्शक भी पंडाल में जमकर थिरके। कल्पनाथ सांस्कृतिक समिति के कलाकारों की ओर से भी शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस मौके पर मेला अध्यक्ष देवेंद्र सिंह नेगी, राजेंद्र हटवाल, महामंत्री हरीश पुरोहित, ताजवर नेगी, संरक्षक शंभू प्रसाद सती, पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह, भुवन शाह, अयोध्या हटवाल, गजेंद्र राणा, हरि दर्शन रावत, आचार्य कुशलानंद सती, किशन सिंह, वृजलाल, हरेंद्र पंवार, तारेंद्र थपलियाल, दीपक पंत के साथ ही कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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