मंडल घाटी में लगा भक्तों का तांता, मां चंडिका से की भक्तों ने सुख, शांति की मनौकामनाएं, सिरौली गांव पहुंची मां चंडिका–
गोपेश्वर, 11 मार्च 2025: मंडल घाटी में इन दिनों सगर गांव की आराध्य देवी मां चंडिका की दिवारा यात्रा आयोजित हो रही है। मंगलवार को व्यूमकेश में बालखिला नदी में समुद्र मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस धार्मिक आयोजन को देखने के लिए दूर-दराज के गांवों से भक्तगण पहुंचे हुए थे। लोगों ने मां चंडिका से सुख, शांति, यश, वैभव का आशीर्वाद लिया। मंगलवार को ढोल दमाऊं के साथ चंडिका देवी व्यूमकेश में पहुंची।
यहां समुद्र मंथन कार्यक्रम आयोजित हुआ। आचार्य ब्राह्मण प्रशांत डिमरी ने बताया कि चंडिका माता की दिवारा यात्रा के बीच समुद्र मंथन की परंपरा का निर्वहन भी किया जाता है। इस दौरान भक्तगणों ने मां चंडिका से सुख, समृद्धि की मनौकामनाएं की। बालखिला नदी के व्यूमकेश नामक स्थान पर आयोजित हुए समुद्र मंथन में प्रतीकात्मक वासुकी नाग से मंथन किया गया।

इस आयोजन में बताया गया कि दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारण जब देवताओं के राजा इंद्र श्रीहीन, राज्यहीन हो गए, तब असुरों ने स्वर्ग पर अपना आधिपत्य जमा लिया था। तब इंद्र और सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए। विष्णु ने देवताओं को समुद्र मंथन का सुझाव दिया। देवताओं और असुरों ने वासुकी नाग की रस्सी बनाई और कच्छप (कछुवा) की पीठ पर मंदरांचल पर्वत रखा। जिसके बाद समुद्र मंथन हुआ। इस मंथन में 14 रत्नों का प्रादुर्भाव हुआ।
मंगलवार को व्यूमकेश में मां चंडिका का ब्रह्म निशान ढोल दमाऊं के साथ बालखिला नदी किनारे पहुंचा। यहां मां चंडिका की विभिन्न पूजाएं आयोजित हुई। इसके बाद नदी में समुद्र मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मंडल घाटी के विभिन्न गांवों के भक्तगण मौजूद रहे।
दिवारा यात्रा समिति के सचिव सतेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 12 अक्तूबर से सगर गांव से चंडिका माता की दिवारा यात्रा शुरू हुई थी। बदरीनाथ धाम सहित विभिन्न धार्मिक स्थल और गांवों का भ्रमण करने के बाद अब मां चंडिका की यात्रा मंडल घाटी में पहुंच गई है।