क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे ग्रामीण, सिद्धसौड़ से घंघासू तक के क्षेत्र को रुद्रप्रयाग से केदारनाथ विधानसभा में मिलाने की मांग उठी–
अगस्त्यमुनि, 25 जून 2025: रुद्रप्रयाग विधानसभा के अंतर्गत पूर्वी बांगर क्षेत्र की तीन पट्टी के करीब 29 ग्राम पंचायतों ने उनके गांवों को केदारनाथ विधानसभा में शामिल करने की मांग उठाई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र का दायरा अधिक होने के कारण क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा, पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी लोगों के नहीं मिल पा रही हैं। क्षेत्र में जो सड़कें हैं भी वे बदहाल पड़ी हुई हैं।
वर्षों पुरानी बिजली की लाइन से ही बिजली सप्लाई हो रही है, जो बार-बार खराब हो जाती है और लोगों के रात अंधेरे में बितानी पड़ती है। सामाजिक कार्यकर्ता पूर्व ग्राम प्रधान शिव सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह नेगी और नवीन मुखमाल का कहना है कि सिद्धसौड़ से खोड़घंघासू तक करीब 29 ग्राम पंचायतें केदारनाथ विधानसभा के नजदीक होने के बावजूद रुद्रप्रयाग विधानसभा में हैं।
फुटगढ़ पट्टी, बड़मा, रायड़ी, किमाणा, अरखुंड, दानकोट, कूड़ी, अदूली, बड़मा पट्टी सहित तीन पट्टियों के 29 गांव रुद्रप्रयाग में हैं। क्षेत्रीय जनता लंबे समय से उनके गांवों को केदारनाथ विधानसभा में शामिल करने की मांग उठा रही है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रुद्रप्रयाग विधानसभा में बचणस्यूं से लेकर रानीगढ़ पट्टी तक के गांव शामिल हैं।
क्षेत्र का दायरा अधिक होने के कारण उनके क्षेत्र तक विकास नहीं पहुंच पाता है। क्षेत्र दूर होने के कारण विधायक, सांसद भी क्षेत्र में बहुत कम आते हैं। सिद्धसौड़ से लेकर घंघासू तक कोई बड़ा सरकारी अस्पताल नहीं है। सड़कें बदहाल पड़ी हुई हैं। वर्षों पुरानी सड़कों पर डामर नहीं बिछाया गया है।
चारधाम यात्रा के दौरान इसी क्षेत्र में मौजूद गुप्तकाशी से जखोली स्टेट हाईवे को केदारनाथ की लाइफ लाइन कहा जाता है। लेकिन इसका मेंटीनेंस न होने से यह सड़क कई जगहों पर बदहाल है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शीघ्र क्षेत्र के चिन्हित 29 गांवों को केदारनाथ विधानसभा में शामिल करने की मांग उठाई है।