चमोली: गोपेश्वर में पारंपरिक वाद्ययंत्रों के संरक्षण पर दिया जोर दिया–
एनइएच प्रोडक्शन कार्यालय सभागार में आयोजित हुई गोष्ठी, सांस्कृतिक विरासत को बचाने का लिया संकल्प–
गोपेश्वर, 08 जुलाई 2025: उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्ययंत्रों के संरक्षण को लेकर स्थानीय रंगकर्मियों ने गोष्ठी आयोजित की। जिसमें वाद्ययंत्रों के संरक्षण पर जोर दिया गया। कहा गया कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को बचाने और अने वाली पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए इन वाद्ययंत्रों का संरक्षण बेहद जरुरी है।
एनइएच प्रोडक्शन कार्यालय सभागार में आयोजित गोष्ठी में रंगकर्मी शांति प्रसाद नौटियाल ने कहा कि नई पीढ़ी हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भूलती जा रही है। उन्हें पारंपरिक वाद्ययंत्रों को बजाने और उनके संरक्षण के लिए जागरुक करना होगा।
प्रोडक्शन के संस्थापक सुनील पुंडीर ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा विभाग ने वाद्ययंत्र ढोल-दमाऊं को बजाने का छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया था। यह पहल सहारनीय है। इसको निरंतर आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस मौके पर दर्शन सिंह बर्त्वाल, दर्शन लाल भारती, प्रकाश चंद्र, दिव्यांशु, अजय ठाकुर, मोहन सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।