चमोली जनपद में ऐसा मंदिर जहां भगवान विष्णु को रा​खियां बांधती हैं बहनें, सिर्फ एक दिन के लिए खुलता है मंदिर–

by | Aug 10, 2025 | आस्था, चमोली | 0 comments

रक्षाबंधनत्यौहार की शुरुआत भी इसी स्थान से हुई, पांडवों ने निर्मित किया था मंदिर, जानें क्या है मान्यता–

गोपेश्वर, 09 अगस्त 2025: रक्षाबंधन का त्यौहार देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने अपने भाईयों की कलाईयों पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। लेकिन उत्तराखंड के चमोली जनपद में एक ऐसा मंदिर ​स्थित है, जो सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है और बहनें भगवान विष्णु कोे राखी बांधती हैं। मंदिर में एक दिन के लिए खूब चहल-पहल रहती है। भक्तों की ओर से मंदिर में भंडारे का आयोजन भी किया जाता है।

आइये, जानते हैं कहां ​स्थित है यह मंदिर। चमोली जनपद के उर्गम घाटी में बासा गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर बुग्यालों में ​स्थित भगवान वंशीनारायण का मंदिर ​स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि यह मंदिर पांडवों ने निर्मित किया था। रक्षाबंधन के दिन कलगोठ गांव के ग्रामीण मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं। साथ ही क्षेत्र की बहनें भी भगवान विष्णु को राखी बांधने पहुंचती हैं।

मंदिर में भगवान विष्णु की चतुर्भुज मूर्ति स्थित है। मान्यता है कि जब राजा बलि ने पाताललोक में कठोर तपस्या की तो विष्णु भगवान ने उन्हें वरदान मांगने के लिए कहा। जिस पर राजा बलि ने उन्हें अपना द्वारपाल बनने का वरदान मांगा, जिस पर विष्णु भगवान पाताल लोक चले गए। जब लंबे समय तक विष्णु भगवान नहीं दिखे तो माता लक्ष्मी परेशान हो उठी। मह​​र्षि नारद प्रकट हो गए और माता लक्ष्मी को राजा बलि के बारे में बतााया। मह​र्षि नारद के कहने पर माता लक्ष्मी पाताल लोक पहुंची और राजा बलि की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा।

जिसके बाद उन्होंने अपने पति विष्णु भगवान को मुक्त करवाया था। मान्यता है कि वंशीनारायण क्षेत्र में ही माता लक्ष्मी ने राजा बलि की कलाई पर रक्षासूत्र बांधा था। तब से रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार प्रचलित हुआ। प्रतिवर्ष रक्षाबंधन पर बहनें भगवान विष्णु को राखी बांधने यहां पहुंचती हैं। इस पावन मौके पर विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे भक्तगणों द्वारा भगवान के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।

उर्मम घाटी के शीर्ष भाग मे भगवान वंशीनारायण का मंदिर स्थित है। उर्गम गांव से करीब पांच किमी दूर स्थित यह मंदिर सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है। शनिवार को कलगोठ गांव के ग्रामीणों ने मंदिर में विशेष पूजाएं आयोजित की। भगवान विष्णु को हलवा, दूध, मक्खन के साथ ही ककड़ी, मक्का, सेब भगवान को अर्पित किया गया।

कलगोठ गांव के ग्राम प्रधान सहदेव सिह रावत ने बताया कि वंशीनारायण में रक्षा बंधन के पावन पर्व पर जाख देवता के पुजारी वीरेंद्र सिंह रावत के द्वारा इस वर्ष विशेष पूजा अर्चना की गई।

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