मत्स्य पालकों ने मत्स्य तालाबों को हुए नुकसान को आपदा में शामिल कर मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई–
थराली, 24 अगस्त 2025: थराली क्षेत्र में आई विनाशकारी आपदा में मत्स्य पालकों को भारी नुकसान हुआ है। बरसाती गदेरों के उफान पर आने से कई ट्राउट मत्स्य तालाब मलबे में तब्दील हो गए हैं। जिनमें लाखों मछलियां मर गई हैं। आपदा प्रभावित मत्स्य पालकों ने तालाबाें को हुए नुकसान को आपदा में शामिल कर सरकार से मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।
थराली आपदा ने स्थानीय लोगों को लंबे समय तक जख्म दे दिए हैं। इनमें ट्राउट मत्स्य पालक भी शामिल हैं। खेता मानमती, कुमोली और असेड़सिमली गांव में कई ग्रामीणों के मत्स्य तालाब बनाए गए थे। इनमें से अधिकांश तालाब बह गए हैं।
ग्राम पंचायत किमोली आगर में सात तालाबों से करीब पांच क्विंटल मछलियां बह गई हैं। ग्राम प्रधान सुरेंद्र लाल ने बताया कि गांव के समीप पैणीगदेरे में बाढ़ आने से खेतों में फसल भी नष्ट हो गई है। गदेरे के मलबे में मदन लाल के चार तालाब और सुरेंद्र लाल के तीन मत्स्य तालाब भी बह गए।
जिससे काश्तकारों को भारी नुकसान हो गया है। इसके अलावा खेता मानमती के गाड़िया मत्स्य समूह के तालाबों को भी नुकसान हुआ है। यहां करीब एक लाख मछलियां मलबा गिरने से मर गई हैं। ग्राम प्रधान सुरेंद्र लाल ने सरकार से मत्स्य पालकों को हुए नुकसान को आपदा में सम्मलित कर मुआवजा देने की मांग की है।