मलबे में दबे मकान के रोशनदान से चला कुंवर सिंह के सुरक्षित रहने का पता, एनडीआरएफ की टीम ने किया रेस्क्यू–
गोपेश्वर, 18 सितंबर 2025: नंदानगर ब्लॉक के कुंतली लगा फाली गांव में मलबे में दबे कुंवर सिंह 16 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं। एनडीआरएफ की टीम ने लेंटर को तोड़कर कुंवर सिंह को सुरक्षित बचा लिया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन उनके परिवार को नहीं बचाया जा सका। पत्नी और दो जुडुवा बच्चे आपदा की भेंट चढ़ गए।
फाली लगा कुंतरी में बलवंत सिंह का परिवार है। उनके दो बेटों में एक बेटे का परिवार बाहर रहता है और दूसरा बेटा कुंवर सिंह पत्नी और दो जुड़वा बेटों के साथ यहां रहते थे। उन्होंने मजदूरी करके आपना घर बनाया। दोनों बच्चे विकास और विशाल (10 साल) सरस्वती शिशिु मंदिर में पढ़ते थे। बृहस्पतिवार तड़के पूरा परिवार घर में सो रहा था। परिवार को आपदा की भनक भी नहीं लगी और पूरा घर मलबे में दब गया। सुबह जब राहत और बचाव कार्य शुरू किए गए तो मकानों से मलबा हटाने पर बचाव कर्मियों को एक मकान से किसी की आवाज सुनाई दी। पता चला कि कुंवर सिंह के मकान से आवाज आ रही है। कमरे में एक रोशनदान खुला था जिससे कुंवर सिंह के अंदर होने का पता चला। जिसपर रेस्क्यू टीम ने तेजी से उन्हें बाहर निकालने का काम शुरू किया। अपराह्न करीब छह बजे कुंवर सिंह को बाहर निकाल लिया गया। कुंवर सिंह का आधा शरीर मलबे में दबा हुआ था। चेहरे पर भी मिट्टी रखी थी, लेकिन रोशन दान से उन्हें सांस लेने में मदद मिलती रही। कुंवर सिंह को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। उनकी पत्नी कांती देवी सहित दोनों बेटे मलबे में दबे हुए हैं।
आपदा के चलते फाली लगा कुंतरी, सरपाणी, धुर्मा और मोख में करीब 45 भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 15 गौशाला भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। चार पशुओं की मौत हुई है और 28 पशु लापता हैं। 10 घायलों को हेलीकॉप्टर से हायर सेंटर भेजा गया, दो का नंदानगर में उपचार चल रहा है। बचाव कार्यों में एनडीअरएफ के 27, एसडीआरएफ के 22, आईटीबीपी के 28, पुलिस के 20 व डीडीआरएफ के सात जवान लगे हुए हैं। नंदानगर और सेरा में राहत शिविर लगाए गए हैं। जहां प्रभवितों के रहने और खाने की व्यवस्था की गई है।