संस्कृति: पारंपरिक पहाड़ी परिधान में सजी दिखींजिला​धिकारी स्वाति एस भदौरिया–

by | Nov 7, 2025 | श्रीनगर, संस्कृति | 0 comments

श्रीनगर के बैकुंठ चतुर्दशी मेले में मी उत्तराखंड छौं: की थीम पर आयोजित हुआ पहाड़ी परिधान में फैशन शो–

श्रीनगर (गढ़वाल), 06 नवंबर 2025: बैकुंठ चतुर्दशी मेला अपने सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक तानेबाने को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस मेले में संस्कृति क विविध रंग देखने को मिलते हैं। बृहस्पतिवार को मेले में मीउत्तराखंडीछौ: थीम पर पहाड़ी परिधान में फैशन शो का आयोजन किया गया। गोला बाजार श्रीनगर में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने परपारंपरिकपहाड़ी परिधानों में रैंप वॉक कर सबका दिल जीत लिया।

रंग-बिरंगे घाघरे, पगड़ी, पिछौड़ा, और पारंपरिक आभूषणों से सजी बेटियों ने जब मंच पर कदम रखा तो पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। रैंप वॉक का उद्देश्य उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और परिधान परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाना था। आयोजन के दौरान प्रतिभागियों ने कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र की पारंपरिक पोशाकों की सुंदरता को प्रदर्शित किया। हर प्रस्तुति के साथ मंच पर लोक धुनें गूंजती रहीं। जिससे पूरा माहौल पारंपरिक रंग में रंगा नजर आया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी पौड़ी स्वाति एस भदौरिया ने किया।

पौड़ी की जिला​धिकारी स्वाति एस भदौरिया-

इस अवसर पर उन्होंने कहा की यह गढ़वाली केवल एक परिधान नहीं है। यह अपनी पहचान दिखाने का भी आयोजन है। कहा कि सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने पारंपरिक परिधानों को कम से कम उत्सवों में जरूर पहनें। जिससे हम अपनी जड़ों से जुड़े रहे। उन्होंने कहा कि केवल परिधान ही नहीं अपनी बोली भाषा खान पान से जुड़ने का भी अभियान शुरू किया जाए।

मेयर आरती भंडारी ने इस कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में जानकारी देते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सहकारिता समिति के जिला कोटद्वार के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत, नगर आयुक्त नूपुर वर्मा, व्यापार सभा के अध्यक्ष दिनेश असवाल, सामाजिक कार्यकर्ता लखपत सिंह भंडारी सहित नगर के पार्षद और गणमान्य लोग मौजूद रहे।

कार्यक्रम के दौरान , मेयर आरती भंडारी, डीएम पौड़ी स्वाति भदौरिया और नगर आयुक्त नुपुर वर्मा पारंपरिक पहाड़ी परिधानों में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं। उनकी सादगी और पारंपरिक वेशभूषा ने गोला बाजार में मौजूद सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया। लोगों ने नगर के शीर्ष नेतृत्व और प्रशासनिक अ​धिकारियों का मेले की शोभा बढ़ाने पर आभार जताया। जिला​धिकारी स्वाति एस भदौरिया ने गढ़वाली बोली में पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण का आह्वान किया।

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