चमोली: नाबालिगों ने परिजनों को दिए कभी न भरने वाले जख्म, घर से बिना बताए ले गए थे बाइक–

by | Nov 11, 2025 | चमोली, दुर्घटना | 0 comments

गोपेश्वर में देर रात हुई बाइक दुर्घटना में दो नाबालिगों की हो गई मौत, दो घायल, एक को हेलिकाॅप्टर से पहुंचाया एम्स ऋ​षिकेश–

गोपश्वर, 11 नवंबर 2025: गोपश्वर-​घिंघराण सड़क पर सोमवार को देर रात बाइक दुर्घटना में दोे नाबालिग बच्चों की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए। जिनमें से एक गंभीर रुप से घायल युवक को हेलिकॉप्टर से एम्स ऋ​​षिकेश भेज दिया गया है। जबकि एक बच्चे पर चोट कम आने से उसे प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि चारों बच्चे बिना परिजनों को बताए बाइक की चाबी ले गए और रामलीला देखने गोपेश्वर जा रहे थे। मगर नए बस अड्ढे के पास उनकी बाइक सड़क किनारे खड़े एक वाहन से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए।

रविवार देर रात को ब्रह्मसैंण के तीन नाबालिग लड़के और एक बालिग एक बाइक पर सवार होकर गोपेश्वर की ओर आ रहे थे। एक किलोमीटर दूर नए बस अड्डे के समीप पहुंचते ही उनकी बाइक सड़क किनारे खड़े एक लोडर से टकरा गयी। दुर्घटना में 11 साल का उज्जवल पुत्र महिपाल, 14 साल का समीर पुत्र कालीराम, 16 साल का सागर पुत्र संदीप सभी निवासी ब्रह्मसैंण गंभीर घायल हो गए। जबकि 18 साल का अमन भारती पुत्र सूर्य भारती को चोटें आई हैं। जिला अस्पताल में

उपचार के दौरान उज्जवल और समीर की मौत हो गई। सागर और अमन का अस्पताल में उपचार किया गया। सागर की गंभीर स्थिति को देखते हुए मंगलवर को उसे हेलिकॉप्टर से हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। जबकि अमन को उपचार के बाद घर भेज दिया गया। घटना के बाद से पूरे ब्रह्मसैंण क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। यह दुर्घटना गोपेश्वर के समीप ब्रह्मसैंण के दो परिवारों को गहरे जख्म दे गई। बालपन की नादानी ने दो बच्चों की जिंदगी छीन ली और परिवारों को कभी न भूलने वाले जख्म दे दिए। बताया जा रहा है कि बच्चों ने गोपेश्वर में चल रही रामलीला में जाने की योजना बनाई। बाइक की चाबी ली। परिजनों को उनकी इस योजना के बारे में जानकारी ही नहीं थी। दुर्घटना में जान गंवाने वाले उज्जवल की उम्र महज 11 साल और समीर की 14 साल थी। मिली जानकारी के अनुसार उज्जवल के पिता महिपाल ने कुछ समय पहले बाइक ली थी। परिवार के लोग घर पर सो रहे थे, उज्जवल कब बाइक लेकर निकल गया उन्हें पता ही नहीं चला। दुर्घटना के बाद जब उन्हें फोन आया तब उन्हें पता चला कि बेटा बाइक लेकर जा रखा है। लेकिन उन्हें क्या पता था कि अब उनका बेटा कभी वापस नहीं लौटेगा।

उज्जवल के दो भाई और एक बहन थे, जबकि समीर दो बड़ी बहनों के बाद तीसरे नंबर का था। घटना की खबर सुनकर परिवार और ग्रामीण जिला अस्पताल दौड़े, तब तक दोनों की मौत चुकी थी। समीर की मां धनेश्वरी और उज्जवल की मां विमला देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वे बदहवास पड़ी हैं। सभासद उषा देवी ने बताया कि दुर्घटना झकझोरने वाली है। सभी परिवार काफी गरीब हैं। परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूटा है। दुर्घटना में जान गंवाने वाले बच्चों और घायलों के परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। मेहनत मजदूरी करके और घरों में काम करके वे परिवार का भरण पोषण करते हैं। अचानक आयी विपदा ने परिवार को तोड़कर रख दिया।

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