बदरीनाथ धाम में अनूठी है पंच पूजाएं, 25 नवंबर को होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट बंद–
बदरीनाथ, 22 नवंबर 2025: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया लंबी चलती है। धाम में पंच पूजाएं शुरू हो जाने के बाद मान्यता है कि धाम में पूजा अर्चना के लिए देवताओं का आगमन भी शुरू हो जाता है। धाम में पंच पूजाओं के दूसरे दिन शनिवार को विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आदि केदारेश्वर मंदिर तथा आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हो गये। श्री बदरीनाथ मंदिर में भोग लगने के बाद रावल अमरनाथ नंबूदरी ने आदि केदारेश्वर मंदिर में अन्नकूट का भोग चढ़ाया। आदि केदारेश्वर मंदिर के शिवलिंग को पके चावलों से ढ़का गया तत्पश्चात कपाट बंद हेतु पूजा-अर्चना शुरू हुई ठीक दो बजे आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये।
इसके बाद सवा दो बजे आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने हेतु बीकेटीसी की ओर तैयारियां चल रही है कहा कि
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के पश्चात शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा।
आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी सहित धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट एवं अमित बंदोलिया एवं आदि केदारेश्वर मंदिर के पुजारीगणों ने पूजा-अर्चना संपन्न की।
इस अवसर पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल सहित पूर्व अपर धर्माधिकारी सत्यप्रकाश चमोला,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, धड़िया ऋतेश सनवाल, प्रवेश मेहता,विकास सनवाल आदि मौजूद रहे।
जारी प्रेस विज्ञप्ति में बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि पंच पूजा के तीसरे दिन रविवार 23 नवंबर को पूजा के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा जबकि चौथे दिन 24 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को आमंत्रण तथा 25 नवंबर अपराह्न 2 बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।


