जय पंडो देवतों: स्यूंड गांव में पांडव लीला का भव्य आयोजन, लाई गई मोरु की डाली–

by | Nov 24, 2025 | आस्था, रूद्रप्रयाग, संस्कृति | 0 comments

पांडव नृत्य आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह, ध्या​णियों की भीड़ भी उमड़ी, पांडव परिवार ने अस्त्र-शस्त्रों के साथ किया नृत्य–

रुद्रप्रयाग, 24 नवंबर 2025: जनपद के स्यूंड गांव में इन दिनों पांडव नृत्य की धूम मची है। आयोजन के नौवें दिन मोरु डाली की स्थापना की गई। इस धार्मिक आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है। युवाओं, ​ध्या​णियों और ग्रामीणों द्वारा पांडव परिवार की पूजा अर्चना की जा रही है। प्रतिदिन पांडव परिवार ढोल दमाऊं की थाप पर अपने अस्त्र-शस्त्रों के साथ अद्भुत नृत्य कर रहे हैं। पांडव नृत्य के दौरान क्षेत्र के अन्य देवी-देवता भी अपने अवतारी पुरुषों पर अवतरित होकर अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। इस आयोजन में शामिल होने के लिए प्रवासी ग्रामीण भी अपने गांव पहुंचे हुए हैं।

सहदेव के अवतारी पुरुष प्रकाश सेमवाल ने बताया कि मोरू की डाली को भीम की गदा से चयन किया जाता है। इसके बाद भीम और हनुमान की अगुवाई में मोरू डाली को स्थापित किया जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता त्रिलोचन प्रसाद सेमवाल ने बताया कि यह मोरू की डाली महाभारत काल में जब पांडवों को अज्ञात वास हुआ था, इसमें लोक श्रुतियो के अनुसार अर्जुन ने अपने अस्त्र शस्त्र मोरू नामक पेड़ पर छुपाए थे

। जिसके बाद इस पेड़ का महत्व पांडव नृत्य के दौरान बढ़ जाता है। जबकि इस पर लगे फलों को अंतिम दिवस पर नारायण और हनुमान के पश्वा वितरित करते हैं। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे। मंगलवार को श्रुतु की रात का आयोजन होगा और 26 को मोरू डाली पर लगे प्रसाद वितरण के साथ पाण्डव नृत्य का विधिवत समापन हो जाएगा। गुनगुनी धूप में ग्रामीण पांडव नृत्य आयोजन का लुत्फ उठा रहे हैं। स्यूंड गांव में इन दिनों उत्साह का माहौल है।

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