युवाओं ने विरोध का निकाला नायाब तरीका, 2009 से निर्माणाधीन सड़क आज तक नहीं पहुंची ईराणी गांव–
गोपेश्वर। निजमुला घाटी के दूरस्थ गांव पाणा और ईराणी गांव आज भी सड़क सं वंचित हैं। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने कई बार शासन-प्रशासन से गांवों को सड़क से जोड़ने की मांग की। लेकिन आज तक गांवों में सड़क नहीं पहुंच है। विभाग और सरकार की उदासीनता से नाराज ईराणी गांव के युवाओं ने विरोध का नायाब तरीका निकालते हुए कंधे पर रखकर मोटर साइकिल को डंडों और रस्सी के सहारे गांव तक पहुंचा दिया। उनका कहना है कि सालों से सड़क का इंतजार करते-करते लोग थक चुके हैं। उन्होंने सरकार को आइना दिखाने के लिए बाइक को कंधे पर रखकर गांव तक पहुंचाई है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2009 में पाणा-ईराणी गांव के लिए साढ़े 31 किमी सड़क मंजूर हुई। कुछ जगह पर सड़क की कटिंग भी हुई। लेकिन सड़क आज भी आधी-अधूरी पड़ी हुई है। कोई क्षेत्र का पूछने वाला नहीं है। झींझी गांव के समीप मोटर पुल का निर्माण होना है, उस पर भी अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट ने पाणा और ईराणी गांव को सड़क से जोड़ना अपनी प्राथमिकता में गिनाया था, लेकिन आज भी ग्रामीण निराश और हताश हैं। वे कई किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हैं।