संबंधित दस्तावेजों को कब्जे में लेकर संबंधित अधिकारियों को चुनाव कार्यों से दूर रखने की मांग की–
देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजकर राज्य सरकार पर लगातार आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ ही कांग्रेस प्रदेश पदाधिकारियों ने इस संबंध में पत्रकार वार्ता भी की। सरकार पर आरोप लगाया गया कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, राज्य बाल आयोग, राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति, आबकारी विभाग में अधिकारियों के स्थानांतरण और मदीरा के ठेके, शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भारी नियुक्ति व स्थानांतरण, सहकारिता विभाग में नियुक्ति व स्थानांतरण जो कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए किए गए हैं। इस संबंध में चुनाव आयोग सभी दस्तावेज अपने कब्जे में लें, व संबंधित अधिकारियों को निष्पक्ष स्वतंत्र चुनाव संपन्न कराने हेतु चुनाव कार्यों से भी मुक्त रखा जाए।उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने मुख्य चुनाव आयुक्त व आयुक्त सदस्यगणों को भेजे पत्र में कहा कि उत्तराखंड राज्य चुनाव की तिथियां चुनाव आयोग ने घोषित कर दी हैं। उत्तराखंड राज्य में चुनाव को स्वतंत्र निष्पक्ष कराने हेतु आयोग द्वारा जारी की गई आचार संहिता का राज्य सरकार लगातार उल्लंघन कर रही है, राज्य सरकार ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में अध्यक्ष व अन्य सदस्यों की नियुक्ति की है जो कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद की गई है। चुनाव आयोग समस्त दस्तावेज अपने कब्जे में लें व स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव कराने हेतु उपरोक्त समस्त नियुक्तियां रद्द करते हुए संबंधित अधिकारियों को चुनाव कार्य से भी मुक्त रखा जाए। राज्य बाल आयोग, राज्य महिला आयोग में भी अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति की गई है। राज्य आबकारी आयुक्त को भी आचार संहिता में स्थानांतरित किया गया व आबकारी संबंधित व्यापारिक समझौते, व टेंडर आदि निर्गत किए गए। आबकारी आयुक्त का स्थानांतरण रद्द करते हुए उनके द्वारा किए गए आदेशों को भी रद्द करते हुए समस्त दस्तावेज चुनाव आयोग अपने कब्जे में ले। शिक्षा विभाग में शिक्षक, कर्मचारियों की भारी नियुक्तियां आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए की गई हैं। सहकारिता विभाग में भी भारी मात्रा में नियुक्तियां की गई हैं। उर्जा विभाग में भी नियुक्तियां स्थानांतरण व पदोन्नति आदर्श आचार संहिता में किया गया है। आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। मांग की गई कि राज्य सरकार को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने से तत्काल रोका जाए व आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य सरकार द्वारा किए गए उपरोक्त सभी नियुक्तियां, स्थानांतरण, पदोन्नति को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। समस्त दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर न्याय हित में स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने हेतु संबंधित अधिकारियों को चुनाव से भी मुक्त रखा जाए।