मैं यूक्रेन के इवानो-फ्रन्कीव्स्क में हूं पापा, सकुशल हूं, ‌सामान की किल्लत बढ़ रही है–

by | Feb 25, 2022 | देहरादून, राष्ट्रीय, समस्या | 0 comments

पढ़ें यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों की जुबानी, अपने पाल्यों की कुशलता को लेकर परिजन हैं चिंतित– 

रूस और यूक्रेन के बीच मौजूद हालात ने यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के अभिभावकों की चिंता को बढ़ा दिया है। ऋषिकेश के गंगानगर की एक बिटिया तमन्ना त्यागी भी करीब 500 भारतीय छात्र- छात्राओं के साथ इवानो-फ्रन्कीव्स्क शहर में फंसी है। तमन्ना के माता पिता लगातार बिटिया से फोन पर संपर्क कर उसकी कुशलता की जानकारी ले रहे हैं। तमन्ना

यूक्रेन के इवानो-फ्रन्कीव्स्क शहर में इवानो-फ्रन्कीव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। वह एमबीबीएस की तीसरे वर्ष की छात्रा है। तमन्ना की मां रीना त्यागी ने बताया कि उनकी बेटी शहर की एक बिल्डिंग के फ्लैट में है। उसके साथ एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं देहरादून के कुछ छात्र भी हैं। उन्होंने बताया कि बिगड़ते हालात के चलते सभी छात्र छात्राओं को फ्लैट से बाहर निकलने के लिए मना किया गया है। रीना त्यागी ने बताया कि वह लगातार फोन के माध्यम से अपनी बिटिया के संपर्क में है।

हर आधे घंटे बाद उनकी बिटिया से बात हो रही है। बिटिया ने उनको बताया है कि शहर मॉल और बाजारों में खाने पीने कि सामान की किल्लत हो गई है। हालांकि छात्र और छात्राओं ने पहले से कुछ रसद जुटा ली थी। छात्र और छात्राओं को पीने का बोतल बंद पानी भी नहीं मिल पा रहा है। सभी लोग नल के पानी को उबालकर पी रहे हैं। अभी इवानो-फ्रन्कीव्स्क यूक्रेन में सबसे सुरक्षित शहर है। यहां आस-पास अभी युद्ध के हालात नहीं दिख रहे हैं। यहां एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले करीब 500 छात्र-छात्राएं शहर में है।

आसपास के शहरों से भी विदेशी छात्रों को इवानो-फ्रन्कीव्स्क में लाया जा रहा है। भारतीय दूतावास के अधिकारी लगातार छात्र-छात्राओं के संपर्क में है। अधिकारियों ने बताया है कि अगले एक-दो दिनों में उन्हें भारत भेजने की व्यवस्था की जाएगी। सबसे पहले छात्र-छात्राओं को हवाई जहाज से पोलैंड या जर्मनी भेजा जाएगा। इसके बाद सभी छात्र छात्राओं को हवाई जहाज के माध्यम से भारत भेजा जाएगा। उत्तराखंड के चमोली जनपद की दो छात्राएं भी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। नई टिहरी के 13 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हैं। उत्तरकाशी, श्रीनगर, पौड़ी आदि क्षेत्रों से भी छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हैं। 

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