नंदानगरः यह दुर्भाग्य ही है कि जिस उत्तराखंड से बहने वाली नदियों से बिजली उत्पन्न कर बाहरी प्रदेशों को सप्लाई किया जा रहा है, लेकिन खुद उत्तराखंड के गांव बिजली के लिए तरस रहे हैं। यहां नदियों पर कई जल विद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जबकि कई परियोजनाएं बिजली उगल रही हैं, बावजूद इसके ग्रामीणों को अंधेरे में रातें गुजारनी पड़ रही है।
नंदानगर विकास खंड के पर्यटन ग्राम रामणी, घूनी और पडेरगांव में पिछले दो दिनों से बिजली गुल है। ग्रामीण ऊर्जा निगम के अधिकारियों से बिजली ठप होने का कारण पूछ रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सूचना नहीं दी जा रही है। तीनों गांवों के करीब 800 परिवार बिजली के लिए तरस रहे हैं। बिजली न होने से गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है, जिससे जंगली जानवर भी आबादी क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं।
पूछे जाने पर ऊर्जा निगम के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में बिजली की लाइन शिफ्टिंग का काम चल रहा है। रामणी गांव के ग्राम प्रधान सूरज पंवार का कहना है कि बिजली शिफ्टिंग के बारे में ग्रामीणों को कोई सूचना नहीं दी गई है। बिजली विभाग के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र बिजली सेवा बहाल नहीं की गई तो ऊर्जा निगम के कार्यालय परिसर में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।