पारंपरिक विधियों को अपनाने से संतुलित होगी खेती–

by | Jun 8, 2022 | चमोली, बैठक, रोजगार | 0 comments

पीजी कॉलेज गोपेश्वर में तीन दिवसीय जैविक कृषि कार्यशाला शुरू

गोपेश्वरः राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में तीन दिवसीय जैविक कृषि कार्यशाला शुरू हो गई है। कार्यशाला में यूरिया खाद के उपयोग से बचने और पारंपरिक विधि से खेती करने पर जोर दिया गया।

मुख्य अतिथि उत्तराखंड पुलिस के महानिरीक्षक और जैविक कृषक पीएस रावत ने कहा कि यूरिया और पेस्टीसाइड से हमने खेती का संतुलन बिगाड़ दिया है। इसे पांररिक विधि से स्वस्थ और संतुलित किया जा सकता है। जैविक खेती से ही हम स्वस्थ रहेंगे। विशिष्ट अतिथि वैद्य प्रदीप भंडारी ने निरंतर परिश्रम करने पर जोर दिया। डा. जोगेंद्र सिंह ने भारतीय नश्ल की देसी गाय के दूध के गुण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जड़ी

बूटी शोध संस्थान मंडल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सीपी कुनियाल ने कहा कि खराब जीवन शैली के चलते दुनियाभर के लोग कई बीमारियों से घिरे हैं। जैविक कृषि उत्पाद से हम इन बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। कार्यशाला की सहयोगी संस्था पहाड़ी फूड प्रोडक्शन के प्रबंध निदेशक राकेश गैरोला, प्राचार्य प्रो. आरके गुप्ता, जैविक कृषक मनोज हटवाल आदि ने भी विचार रखे। इस दौरान कार्यशाला के नोडल अधिकारी डा. अनिल सैनी, डा. एमके उनियाल, डा. बीसीएस नेगी, डा. एसएस रावत, डा. बीपी देवली, डा. बीपी पुरोहित आदि उपस्थित रहे।

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