संस्कृत के उत्थान पर दिया जा रहा जोर, संस्कृत विद्यालयों में प्रवेशोत्सव की तैयारी–
गोपेश्वरः इन दिनों श्री बदरीनाथ वेद वेदांग स्नात्कोत्तर संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ के प्रवक्ता संस्कृताचार्य डा. प्रदीप सेमवाल अपने सहयोगी आचार्य जगदीश जोशी के साथ गांव-गांव में संस्कृत के प्रति लोगों को जागरुक करने में लगे हुए हैं। गांवों की मीलों दूरी पगडंडियों को नापकर संस्कृताचार्य ग्रामीणों को संस्कृत के प्रति जागरुक करने में लगे हुए हैं।
यह पहला मौका होगा, जब देववाणी संस्कृत के उत्थान के लिए इतनी बढ़ी मुहिम चल रही है।दरअसल, संस्कृत विद्यालयों में प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए लोगों को अपने पाल्यों को संस्कृत विद्यालय में प्रवेश दिलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। संस्कृताचार्य स्वयं के खर्चे पर गांव-गांव में लोगों को प्रेरित करने में लगे हैं। शनिवार को दोनों संस्कृताचार्य पिंडर क्षेत्र के सुदूर गांवों के भ्रमण पर पहुंचे। लोगों को संस्कृत की महत्ता बताई। और संस्कृत के प्रति जागरुक कर जनसंपर्क किया गया। इस दौरान लोगों ने भी संस्कृत के प्रति गहरी आस्था प्रकट की। कई लोग अपने पाल्यों को संस्कृत विद्यालयों में प्रवेश के लिए आगे आ रहे हैं।
निश्चित रुप से डा. प्रदीप सेमवाल और आचार्य जगदीश जोशी की यह मुहिम संस्कृत जगत के लिए मील का पत्थर साबित होगी और उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा संस्कृत का पुनरुत्थान होगा। इससे संस्कृत के प्रति लोगों में गहरी आस्था जागेगी। इस अवसर पर अपना अमूल्य सहयोग योगोश जोशी, सतीश चंद्र थपलियाल और समाजसेवी विनोद पांडे का रहा। डा. प्रदीप सेमवाल ने बताया कि यह अभियान 13 जुलाई तक चलाया जाएगा।


