चमोलीः बीज बम से आएगी चमोली के जंगलों में हरियाली–

by | Jul 11, 2022 | चमोली, पर्यावरण | 0 comments

जंगलों में डालने के लिए तैयार हो रहे 25000 बीज बम, पढ़ेंः कैसे बनता है बीज बम– 

गोपेश्वरः यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो बीज बम से चमोली जनपद के जंगलों और भूस्खलन क्षेत्र हरे भरे हो जाएंगे। जिन क्षेत्रों में जंगल वनाग्नि से चौपट हो गए या जहां मानव पहुंच नहीं है, वहां वन विभाग बीज बम के जरिए हरियाली बिखेरने की तैयारी कर रहा है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने ऐसी जगह भी चिन्हित कर दी हैं। आगाज फैडरेशन के सहयोग से वन विभाग लगभग 25000 बीज बम तैयार कर रहा है।

बीज बम के जरिए जंगलों में चारापत्ती और संरक्षित प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा। बीज बम से जंगलों में हो रहा भूस्खलन भी रुकेगा।

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में कई जगहों पर जंगल वनाग्नि के साथ ही भूस्खलन की चपेट में हैं। बछेर, मंडल, दशोली क्षेत्र में कई हेक्टेयर वन भूमि भूस्खलन से प्रभावित है। अब जंगलों को हरा भरा बनाने व भूस्खलन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए वन विभाग जगह-जगह बीज बम फेंकेगा, जिससे पौधों का निर्माण होगा। आगाज फैडरेशन पीपलकोटी में बीज बम बनाने में जुटा हुआ है। बीज बम के अंदर चारापत्ती, बांस, डेंकण और क्वीराल के बीज रखे जाएंगे।

आगाज फैडरेशन के प्रबंधक जगदंबा प्रसाद मैठाणी ने बताया कि इन दिनों बीज बम बनाए जा रहे हैं। 25000 बीज बम बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वन विभाग की ओर से हरेला पर्व से इन बीज बमों को जंगलों में फेंककर या छिड़काव कर रोपित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीज बम में 60 प्रतिशत मिट्टी, 20 प्रतिशत गौबर की खाद और 20 प्रतिशत बारीक बालू का मिश्रण बनाया जाता है।

मिश्रण को आटे की तरह गूंथने के बाद इसकी छोटी छोटी गोलियां बनाई जाती हैं। गोलियों के मध्य भाग में उंगली से दबाकर एक गड्डा बना कर उसमें चयनित प्रजाति का बीज रख दिया जाता है। फिर उस गोले को गोलदार बनाया जाता है।

तीन से चार दिन सूखाने के पश्चात इन सूखे हुए गोलों को बीज बम कहा जाता है। इनको जंगलों में फेंककर या चयनित भूमि में छिड़काव भी कर सकते हैं। घास के लिए जंगल जा रही महिलाओं के माध्यम से भी जंगल में बीज बम का छिड़काव किया जाता है। वन प्रभाग की रेंजर आरती मैठाणी ने बताया कि वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों में बीज बम का छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए प्रभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 

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