जोशीमठ-औली सड़क की बनी दुर्दशा और सरकार खेल रही विभागों की अदला-बदली का खेल–
जोशीमठः विश्व प्रसिद्घ पर्यटन स्थल औली तक जा रहे जोशीमठ-औली सड़क पर देश-विदेश के पर्यटक वाहनों में हिचकौले खाकर सफर करने को मजबूर हैं। कई जगहों पर सड़क तालाब में तब्दील है तो कहीं गड्ढे ही गडढे पड़े हैं। यहां के खूबसूरत पर्यटन स्थलों के सैर-सपाटे के लिए पर्यटकों को बुलाया तो जा रहा है, लेकिन उनका स्वागत इन्हीं तालाबों और गड्ढो से किया जा रहा है। औली में वर्षभर पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है। लेकिन सरकार ने कभी औली-जोशोमठ सड़क की ओर ध्यान नहीं दिया।
लोक निर्माण विभाग से हटाकर अब सड़क के संरक्षण का जिम्मा बीआरओ को दिया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया गतिमान है। लेकिन इससे पूर्व लोनिवि ने औली सड़क के रि-सरफेसिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली थी, और काम भी शुरू हो गया था। अचानक काम यह कहकर रोक लिया गया कि, अब सड़क के रख-रखाव का जिम्मा बीआरओ संभालेगी तो डामरीकरण कार्य भी वही करेगी। विभाग को एक करोड़ 25 लाख रुपये भी इसके लिए शासन से मिले हैं। जिसे अब औली से हटाकर जनपद के अन्य सड़क पर खर्च करने की तैयारी है। लोगों का कहना है कि औली सड़क पर रि-सरफेसिंग का काम होना चाहिए।
जोशीमठ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में इस बात को लेकर गुस्सा है। समिति के प्रवक्ता कमल रतूड़ी का कहना है कि लोनिवि बदहाल सड़क को ही हस्तांतरित करने की तैयार में है। जबकि रि-सरफेसिंग का विभाग के पास पूरा बजट है। विभाग को रि-सरफेसिंग का काम पूरा कर लेना चाहिए। जल्द औली रोड को नहीं सुधारा गया तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।