हेलंग चलो की व्यापक तैयारियां शुरू– 

by | Jul 23, 2022 | आंदोलन, आरोप | 0 comments

हेलंग में महिलाओं से चारापत्ती छीनने की घटना के विरोध में हेलंंग चलो का किया गया आह्वान–

चमोली/अल्मोड़ाः चमोली जनपद के हेलंग में 15 जुलाई को टीएचडीसी के परियोजना साइड पर महिलाओं से चारापत्ती छीनने का वीडियो वायरल होने के बाद से मामला गरमाया हुआ है। घटना के विरोध में 24 जुलाई को उत्तराखंड के संघर्षशील संगठनों के हेलंग चलो आह्वान की व्यापक तैयारियां हो रही हैं।

उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने यहां कहा कि उपपा के साथियों का एक दल पीड़ित ग्रामीणों के समर्थन के लिए हेलंग जाएगा। यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अपने गोचर, पनघट से घास ला रहीं महिलाओं के खिलाफ पुलिस प्रशासन स्थानीय औद्योगिक सुरक्षा बलों की सशक्त कार्रवाई ने बता दिया है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन की भावना को कुचला जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

उपपा अध्यक्ष ने कहा कि हेलंग चलने के अभियान को जिस तरह से समर्थन मिल रहा है उससे साबित हो गया है कि पिछले 22 वर्षों में राज्य में प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल, जमीन की जो लूट हुई है उसके खिलाफ राज्य में भारी आक्रोश है और जनता इन चीजों को बदलना चाहती है। उन्होंने चमोली के जिला प्रशासन और इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी पुलिस और औद्योगिक बल व प्रशासन के अधिकारियों को निष्पक्ष जांच से पहले तुरंत वहां से हटाने की मांग की।

तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड के लगभग हर क्षेत्र में सरकारी तंत्र भू खनन, शराब माफियाओं की हाथों की कठपुतली बनकर स्थानी व मूल निवासियों से उनके हकों पर डाका डाल रहा है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा जिले में डांडा – कांडा हवालबाग में एक उद्दंड अधिकारी प्लीज एंड वैली नाम से एक संस्था का संचालन करने वाली उद्दंड अधिकारी ने वन पंचायत और सरकारी व सार्वजनिक भूमि पर कब्जा कर रखा है और उसकी आपराधिक गतिविधियों से पूरा क्षेत्र और उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक यहां तक कि न्यायिक अधिकारी भी त्रस्त हैं। किंतु सरकार उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। उपपा ने कहा कि हेलंग चलो अभियान इसी तरह की घटनाओं के खिलाफ संयुक्त प्रतिरोध विकसित करने का एक माध्यम है।

उन्होंने कहा कि जब तक उत्तराखंड राज्य आंदोलन की भावनाओं के अनुरूप जब तक राज्य की राजनैतिक व्यवस्था का संचालन नहीं होगा स्थितियां दिन प्रतिदिन गंभीर होती जाएंगी। इसलिए उत्तराखंड की जनता को उत्तराखंड राज्य की अवधारणा के अनुरूप एक बड़े बदलाव के लिए सामने आने की आवश्कता है। इधर, भाकपा माले नेता इंद्रेश मैखुरी ने उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को पत्र भेजकर 15 जुलाई को हेलंग में हुई घटना का संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस वाहन में महिलाओं के साथ ही एक डेढ़-दो साल की बच्ची को भी बिठाया गया। बच्ची को भी पुलिस कस्टडी में लिया गया। यह समझ से परे है कि किसी अबोध बच्चे को इस तरह एक घंटे तक पुलिस की गाड़ी में क्यूं और कैसे बैठाए रखा जा सकता है। वह अबोध बच्चा किस अपराध का दोषी है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। 

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