परिजनों ने लगाया अस्पताल प्रशासन पर अनदेखी का आरोप, कहा एक बार भी देखने नहीं आई प्रसूति विशेषज्ञ–
श्रीनगरः पीपीपी मोड में संचालित हो रहे सीएचसी (देवप्रयाग ) के गेट पर गर्भवती महिला ने शिशु को जन्म दे दिया। प्रसूता के पति और ग्राम प्रधान ने स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ पर बिना देखे रेफर करने का आरोप लगाया है। वहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ का कहना है कि प्रसूता में खून की कमी के अलावा कुछ अन्य दिक्कत थी।
नवजात को एनआईसीयू (शिशु गहन देखभाल इकाई ) की जरूरत पड़ सकती थी। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जब प्रसूता की स्थिति ठीक नहीं थी और बच्चे को एनआईसीयू की जरूरत थी, तो उसने कैसे सामान्य प्रसव से नवजात को जन्म दिया और नवजात जन्म के बाद उसी अस्पताल में सामान्य स्थिति में है। पट्टी तोली बनगढ़ के चपोली गांव निवासी मुकेश कुमार अपनी पत्नी सरिता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर बीती रात दो बजे सीएसएचसी में प्रसव के लिए लाया था। ग्राम प्रधान छड़ियारा विनोद लाल और आशा कार्यकर्ता भी उनके साथ में थे। ग्राम प्रधान और मुकेश का कहना है कि सरिता को लगभग तीन बजे तेज दर्द हुआ। अस्पताल की स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ अल्का ने वार्ड में आने के बजाय नर्सिंग स्टॉफ को फोन पर ही सरिता को रेफर करने को कह दिया।
डॉ के आदेश पर स्टॉफ ने उन्हें अस्पताल से बाहर कर दिया। जब गर्भवती के साथ आए सभी लोग स्टाफ से अस्पताल में ही प्रसव कराने का अनुरोध कर रहे थे। इसी दौरान सरिता ने ओपीडी गेट पर शिशु को जन्म दे दिया। इसके बाद स्टॉफ ने दोनों को वार्ड में भर्ती किया।