चमोली जनपद में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा, जहां न हो जंगली सूअरों को आतंक, मौन हैं जिम्मेदार अधिकारी–
गोपेश्वरः चमोली जनपद में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा होगा, जहां जंगली सूअरों का आतंक नहीं होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों धान की फसल पककर तैयार है, जबकि कई ग्रामीण धान की कटाई और मंडाई पूरी कर चुके हैं। लेकिन जंगली सूअर धान की फसल को चौपट कर रहे हैं। जनपद के दशोली, नंदानगर, पोखरी, देवाल, थराली, गैरसैंण, कर्णप्रयाग और गौचर क्षेत्र में इन दिनों खेतों में धान की फसल पककर तैयार है। ग्रामीण फसल को काटने की तैयारी ही कर रहे हैं, कि जंगली सूअर खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई गांवों में तो दिनभर सूअरों के झुंड खेतों में पहुंचकर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीण सूअरों को भगाने के लिए ढोल नगाड़े बजा रहे हैं, इसका भी कोई असर नहीं पड़ रहा है।
दशोली ब्लॉक के बौंला गांव में सूअरों ने धान के साथ ही मंडूवे की फसल को भी भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया है। ग्राम प्रधान सोनम का कहना है कि हर वर्ष ग्रामीण छह माह तक धान और मंडुवे की फसल तैयार करने पर कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन जंगली सूअर पलभर में मेहनत पर पानी फेर देते हैं। सूअरों ने खेतों में खड़ी फसल को बुरी तरह से रौंद दिया है, जिससे ग्रामीणों के सम्मुख आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
देवर-खडोरा गांव के सैन सिंह का कहना है कि सूअरों का झुंड शाम ढलते ही खेतों में पहुंच रहा है। सूअर धान के ढेर को ही नष्ट कर रहे हैं। पीपलकोटी के संतोष सिंह और नंदानगर के मेहरबान सिंह, धर्मेंद्र और अनिल का कहना है कि ग्रामीण सूअरों को भगाने के लिए रातभर खेतों में ढोल बजा रहे हैं, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हो रहा है।