समस्याः कनोल गांव तक सड़क होती तो असहनीय पेट दर्द से नहीं तड़पती संतोषी–

by | Nov 14, 2022 | चमोली, स्वास्थ्य | 0 comments

पेट दर्द से तड़पती महिला को 10 किमी तक कंधे पर कुर्सी के सहारे ग्रामीणों ने पहुंचाया सड़क तक– 
चमोलीः नंदानगर विकास खंड के सुदूरवर्ती कनोल गांव तक सड़क न होने का खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं। गांव में सड़क के अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा का भी अभाव है। उत्तराखंड राज्य में कई सरकारें आई और गई, लेकिन इस 3000 की आबादी वाले गांव की कोई सुध लेने वाला नहीं है।

शनिवार रात को कनोल गांव के हरेंद्र सिंह की पत्नी संतोषी देवी (22) के पेट में असहनीय दर्द उठा। क्षेत्र में कहीं स्वास्थ्य की सुविधा न होने से वह रातभर पेट दर्द से तड़पती रही। जब सुबह तक भी महिला का पेट दर्द कम नहीं हुआ तो परिजनों और ग्रामीणों ने उसे कंधे पर कुर्सी के सहारे 10 किलोमीटर पैदल चलकर गैरी गांव तक पहुंचाया। यहां से सड़क मार्ग से 25 किमी वाहन से संतोषी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नंदानगर पहुंचाया गया।

यहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। जिसके बाद परिजन उसे बेस अस्पताल श्रीकोट ले आए। ग्राम प्रधान सरस्वती देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य कंचन सिंह, युवक मंगल दल अध्यक्ष प्रदीप सिंह और महेंद्र सिंह माही का कहना है कि कनोल गांव में 395 परिवार निवास करते हैं। ग्राम पंचायत में बड़गुना, वाली, फाकी, लोथ, मनाणी धार, सरमा और प्राणमति तोक हैं,

कनोल गांव को यातायात से जोड़ने के लिए वर्ष 2020 में पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग ने शासन से स्वीकृत 11 किमी कनोल-छुरा मोटर मार्ग की कटिंग शुरू की, लेकिन हिल कटिंग के बाद ठेकेदार ने कार्य आधा-अधूरा छोड़ दिया, जिससे ग्रामीणों को सड़क का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गांव में इंटर कॉलेज न होने से गांव के छात्र-छात्राएं इंटर स्तर की पढ़ाई के लिए एक दिन में 22 किमी की दूरी नापने को मजबूर हैं।  

error: Content is protected !!