बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा की प्रक्रियाएं हुई शुरु, पढ़ें आज नृसिंह मंदिर में क्या-क्या धार्मिक परंपराओं का हुआ निर्वहन–
जोशीमठः यहां नृसिंह मंदिर मंगलवार को पूजा-अर्चना के बाद आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, गाडू घड़ तेल कलश यात्रा और बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी अन्य वेदपाठी योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना हो गए हैं। रावल ने नृसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना संपन्न की। इस दौरान भक्तों के जय बदरीविशाल के जयकारों से जोशीमठ गुंजायमान हो उठा। बुधवार को पांडुकेश्वर से कुबेर जी और उद्घव जी की उत्सव डोली भी बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी।
बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर श्रद्घालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसकी तैयारियां शुरु हो गई हैं। मंगलवार को जोशीमठ नृसिंह मंदिर में सुबह से ही विशेष पूजाएं आयोजित की गई।
सुबह नौ बजे से नृसिंह मंदिर परिसर में बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने संकल्प पूजाएं संपन्न की। इसके बाद सुबह साढ़े 10 बजे आर्मी की बैंड धुनों के साथ रावल के साथ ही अन्य वेदपाठी, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को पांडुकेश्वर के लिए रवाना किया गया।
इस दौरान मंदिर में पहुंचे भक्तगणों ने नृसिंह भगवान से चारधाम यात्रा के निर्विध्न संपन्न होने की मनौतियां मांगी। कीर्तन मंडली की महिलाओं ने कीर्तन-भजन का आयोजन भी किया। इस मौके पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, पूर्व पालिकाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, विपुल डिमरी, सुभाष डिमरी, कृष्णमणि थपलियाल के साथ ही कई श्रद्घालुगण मौजूद रहे।