पक चुकी गेहूं की बालियों पर फिर से निकल रही हरी घास, धूप निकलने पर खेतों में पहुंची महिलाएं फसल देखकर रो पड़ी–
गोपेश्वरः लगातार एक सप्ताह से हो रही बारिश से गेहूं की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। स्थिति यह है कि पूरी तरह से पककर तैयार हो चुकी गेहूं की बालियों पर बीजों से हरी कौंपल फूटने लगी हैं। काश्तकारों ने प्रशासनिक अधिकारियों से शीध्र स्थलीय निरीक्षण कर मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है। बदरीनाथ हाईवे पर स्थित लंगासू बैरागना के काश्तकार बारिश से गेहूं की फसल के बर्बाद होने से खासे परेशान हैं।
बृहस्पतिवार को धूप खिलने के बाद महिलाएं अपने खेतों में पहुंची तो वे गेहूं की फसल को देख अचंभित हो उठे। गेहूं की बालियों पर फिर से हरी घास उगने लगी है। यहां दूर-दूर तक फैले खेतों में गेहूं की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। लंगासू की अनीता डिमरी और प्रकाश डिमरी ने बताया कि उनके करीब चार कुंतल गेंहूं बर्बाद हो गए हैं। कई अन्य परिवारों की भी इतनी ही फसल बर्बाद हुई है।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता टीका प्रसाद मैखुरी, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान बीना देवी, संगीता नगवाल, आशा गोश्वामी, विद्या देवी, मीना मलेठा, अनीता डिमरी, मंजू सिमल्टी, गंगोत्री, यमुनोत्री, भगवती देवी, रजनी, गुड्डी, पवन मैवाड़ आदि का कहना है कि बारिश से गेहूं की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।
एक सप्ताह की बारिश से गेहूं के बीच झड़कर फिर से नई कौंपल निकलने लगी है। लंगासू में कई परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। बीज और खाद में लोगों ने जो पैसा खर्च किया, बारिश से उसकी लागत भी नहीं निकल पाएगी।