मामले में कार्रवाई के लिए खानपुर विधायक उमेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, डीएफओ ने अभी तक लिया सिर्फ संज्ञान–
गोपेश्वर: चमोली जनपद में क्या जंगलराज चल रहा है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अधिकारियों की ओर से कहीं मंदिरों को हटाने के आदेश दिए जा रहे हैं, तो कहीं हाईवे किनारे स्थानीय उत्पाद बेच रहे बच्चों को बेहरमी से पीटा जा रहा है। आखिर वन विभाग के अधिकारी क्यों जंगलराज पर उतरू हो गए हैं। ताजा मामला चमोली-मंडल-ऊखीमठ हाईवे के किनारे आडू बेच रहे दो स्थानीय बच्चों से मार पिटाई का सामने आया है।
बताया जा रहा है कि रविवार को अनसूया क्षेत्र के वन बीट अधिकारी द्वारा बेरहमी से दो बच्चों की पिटाई की गई। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि वे हाईवे किनारे संरक्षित वन क्षेत्र के समीप तीर्थयात्रियों को आडू बेच रहे थे। खानपुर विधायक उमेश कुमार ने मामले में मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर संबंधित वन बीट अधिकारी पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ इंद्र सिंह नेगी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
पिछले चार दिनों से मंडल घाटी के बणद्वारा गांव का 16 साल का अखिलेश नेगी और लगभग 15 साल का रोहित नेगी हाईवे किनारे आडू बेच रहे थे। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अधिकारियों की ओर से उन्हें संरक्षित वन क्षेत्र में आडू न बेचने के लिए कहा गया, लेकिन बच्चे नहीं माने और तीर्थयात्रियों को आडू बेचते रहे। अखिलेश के पिता भूपेंद्र नेगी ने बताया जा रहा है कि 21 मई को अनसूया क्षेत्र के वन बीट अधिकारी नरेंद्र रावत ने दोनों बच्चों की लाठी से जमकर धुनाई की।
बच्चों के शरीर पर लाठी के निशान भी पडे़ हैं। मंगलवार को गोपेश्वर थाने में वन बीट अधिकारी नरेंद्र रावत ने मामले में लिखित रुप से माफीनामा लिखकर दिया है। जिसके बाद वन विभाग और ग्रामीणों के बीच समझौता हो गया है। इधर, डीएफओ इंद्र सिंह नेगी ने मामले में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने लिखा कि मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
खानपुर विधायक उमेश कुमार ने मंगलवार को मामले में मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में बच्चे चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को सड़क किनारे काफल, बुरांस का जूस, आडू आदि स्थानीय उत्पाद बेचते हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे हैं। बेरहमी से पीट रहे हैं। उन्होंने मामले में जांच का आग्रह किया है। केदारनाथ वन प्रभाग के अधिकारियों के तानाशाह रवैये से ग्रामीणों में आक्रोश है।