सदन में उठाए जल जीवन मिशन की योजनाओं पर सवाल, ठेकेदार और अधिकारियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप–
गोपेश्वर: चमोली जिला पंचायत की बैठक में जिला पंचायत सदस्य जल जीवन मिशन के कार्यों की घटिया गुणवत्ता पर भड़क गए। सदस्यों ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च कर जल जीवन मिशन की योजनाएं बनाई जा रही हैं। लेकिन घटिया गुणवत्ता के कारण ये योजनाएं हवाई साबित हो रही हैं। नलों पर पानी की एक बूंद नहीं टपक रही है। ठेकेदारों और अधिकारियों की मनमानी से मिशन में भ्रष्टाचार पनप रहा है।
जिला पंचायत सभागार में अध्यक्ष रजनी भंडारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकांश मुद्दे पेयजल और सड़क से जुडे़ रहे। अध्यक्ष रजनी भंडारी ने अधिकारियों को तैयारी के साथ बैठक में आने के निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड गोपेश्वर के अलावा पीएमजीएसवाई, जल निगम व अन्य अधिकारी सदस्यों के सवालों का सही ढंग से जवाब नहीं दे पाए। जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने अधिकारियों को आडे़ हाथ लिया। अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों के पूछे सवालों का अधिकारी उचित जवाब दें।
जिला पंचायत सदस्य अवतार सिंह पुंडीर, देवी जोशी, लक्ष्मण सिंह, आशा धपोला, भागीरथी, अनील सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जो पेयजल लाइनें बिछाई जा रही हैं, मानक के अनुसार उन्हें भूमिगत किया जाना था, लेकिन अधिकांश जगहों पर लाइनें खेतों और पत्थरों के ऊपर से झूल रही हैं। जल निगम के ईई वीके जैन ने कहा कि मिशन के कार्यों की लगातार मॉनेटरिंग की जा रही है। सदस्य नंदिता रावत ने कहा कि श्रीकोट-कुमजुग-मथकोट सड़क की नालियां मलबे से भरी हैं।
बरसात से पहले मलबा निस्तारण करने और नंदप्रयाग-नंदानगर सड़क के सुधारीकरण की मांग की। सदस्य सूरज सैलानी ने कहा कि हेलंग में पेयजल टेंक स्कूल भवन के नीचे बनाया गया है, जिससे छात्र-छात्राओं को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। कुराड़-पार्था पेयजल योजना पर पांच करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन पानी की सप्लाई नहीं हो रही है।
योजना की जांच की मांग की गई। दीपा देवी ने सेंजी गांव में निर्मित पेयजल योजना को स्वजल से ग्राम पंचायत को हस्तांतरित करने की मांग उठाई। विक्रम बर्त्वाल ने चमोली-लासी-सरतोली व हरमनी-सरतोली सड़कों की स्थिति सुधारने की मांग की। पीएमजीएसवाई के ईई पीआर चमोली ने कहा कि इसके लिए 56 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।