मोटी तनख्वाह लेने वाले भ्रष्ट अधिकारियों पर कब लगेगी लगाम, गरीब जनता की राशन से भी जा रहा अधिकारियों का हिस्सा–
रुद्रप्रयाग: जिला पूर्ति विभाग रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ डिपो में खुलेआम सरकारी राशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। अंत्योदय कार्डधारकों की राशन में भी मनमाने ढंग से कटौती की जा रही है। यह सब डिपो में सालों से नियुक्त खाद्य निरीक्षक देवचंद की देखरेख में चल रहा है।
जब डीलरों को मानक के अनुसार राशन कम मिलने की शिकायत खाद्य निरीक्षक से की गई तो उनका कहना था कि यह हमारा विभागीय मामला है। आपको इस मामले में जो करना है आप कर सकते हैं। खैर, अंत्योदय कार्डधारक अपने परिवार का भरण-पोषण तो कर देंगे, लेकिन खाद्य विभाग में बैठे ऐसे राशन चोर अधिकारियों से कौन निपटेगा, यह बड़ा सवाल है।
परकंडी ग्रामसभा के पूर्व ग्राम प्रधान व सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद भट्ट को जब यह भनक लगी कि डीलरों को ऊखीमठ डिपो से राशन कम प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि मानक के अनुसार, एक कार्डधारक को प्रतिमाह 21 किलो 700 ग्राम चावल और 13 किलो 300 ग्राम गेहूं सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से आवंटित होता है। यानि कुल 35 किलोग्राम राशन मिलती है। लेकिन ऊखीमठ डिपो से डीलरों को प्रतिमाह करीब पांच किलोग्राम राशन कम प्राप्त हो रही है।
उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 20 किलोग्राम चावल और 10 किलोग्राम गेहूं मिल रहा है। पूर्व ग्राम प्रधान राजेंद्र प्रसाद भट्ट ने कहा कि इस मामले में ग्रीन डीलर कहीं दोषी नहीं है। वे तो सरकार की ओर से वितरित राशन (अन्न) को घर-घर पहुंचाने का पुण्य अर्जित कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि राशन की यह बंदरबांट वे लोग कर रहे हैं, जो सरकारी सेवा में रहते लाखों की मोटी तनख्वाह ले रहे हैं और अंत्योदय परिवार की राशन में भी अपना हिस्सा ढूंढ रहे हैं।
वे कहते हैं कि ऊखीमठ खाद्य डिपो में तैनात खाद्य निरीक्षक देवचंद ने कहा कि यह हमारा विभागीय मामला है। आपको इस मामले में जो करना है आप कर सकते हैं। कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी का जनपद में रहना भ्रष्टाचार को पनाह दे रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी का अन्यत्र जनपद में तबादला किया जाए और गरीब परिवारों को मानक के हिसाब से राशन आवंटित की जाए।