चमोली: कलाकारों ने दांकुड़ी लगाकर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश–

by | Jul 17, 2023 | चमोली, पर्यावरण | 0 comments

जनपद में हरेला पर्व की रही धूम, जगह-जगह हुए पौधरोपण के कार्यक्रम आयोजित, ​शिक्षक ने भूस्खलन क्षेत्र लिया गोद–

गोपेश्वर: चमोली जनपद में हरेला पर्व पर जगह-जगह पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित हुए। गोपेश्वर में हरेला पर्व पर अक्षत नाट्य संस्था की ओर से दांकुड़ी लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। संस्था के करीब 60 लोगों ने नगर के मुख्य तिराहे पर दांकुड़ी और झुमेलो नृत्य कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष विजय वशिष्ठ, उपेंद्र भंडारी, हरीश भंडारी, केके डिमरी, ओमप्रकाश पुरोहित, ओमप्रकाश नेगी आदि मौजूद रहे। इधर, केदारनाथ वन प्रभाग की ओर से रौली ग्वाड़ में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी हिमांशु खुराना सहित अन्य अधिकारियों ने फलदार और छायादार पौधे लगाए।

नंदानगर के विभिन्न गांवों में महिलाओं ने और गुलाड़ी, सितेल में बदरीनाथ वन प्रभाग ने पौधरोपण किया। निजमुला के गाड़ी वन पंचायत, ग्राम पंचायत मैठाणा और जीआईसी मैठाणा, नगर पंचायत पीपलकोटी, सरस्वती शिशु मंदिर गोपेश्वर में केदारनाथ वन प्रभाग की ओर से, पोखरी में वन विभाग और ग्रामीणों ने पौधरोपण किया। ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हरेला को पर्यावरण संरक्षण के साथ उत्तराखंड की समृद्ध विरासत का परिचायक बताया।

गोपेश्वर, चमोली, जोशीमठ आदि जगह पर लोगों ने पौधरोपण किया। पर्यावरण प्रेमी शिक्षक घन सिंह घरिया ने बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन क्षेत्र मैठाणी को गोद लिया है। उन्होंने अलकनंदा के ऊपरी हिस्से में हो रहे भूस्खलन क्षेत्र को पौधरोपण से आच्छादित करने का संकल्प लिया है। हरेला पर्व पर शिक्षकों व ग्रामीणों ने यहां 200 से अधिक पौधों का रोपण किया। आगाज संस्था द्वारा किरुली गांव में कचनार और क्वीराल के 2000 पौधों का रोपण किया। आगाज के अध्यक्ष जेपी मैठाणी ने बताया कि 20 रिंगाल हस्तशिल्पी परिवारों के निजी भूमि पर पौधरोपण किया गया। सभी काश्तकारों का जड़ी बूटी शोध संस्थान में पंजीकरण भी करवाया गया है।

error: Content is protected !!