चमोली करंट हादसा: क्षणभर में बिखर गया सुदामा का परिवार, दुखों का पहाड़ टूटा–

by | Jul 20, 2023 | चमोली, दुर्घटना | 0 comments

एक परिवार ने खोए अपने पांच सदस्य, ​एम्स में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा सुशील–

गोपेश्वर: हरमनी गांव के सुदामा लाल के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सुदामा ने अपने परिवार के पांच सदस्यों को इस हादसे में खो दिया है। सुदामा लाल राजकीय इंटर कॉलेज हरमनी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। बुधवार को चमोली में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के बाहर हुए बिजली करंट के तांडव के बाद 16 लोग अकाल मौत का ​शिकार हो गए। इनमें सुदामा लाल के परिवार के पांच सदस्य थे। सुदामा का छोटा बेटा 22 साल का प्रमोद कुमार मौके पर ही मर गया था। मंझला बेटा सुशील कुमार हादसे में घायल हुआ है और ऋ​षिकेश एम्स में भर्ती है। सुदामा की बेटी के पति की भी हादसे में मौत हो गई है। सुदामा का भाई महेंद्र लाल व दो भतीजे गणेश व दीपक भी हादसे में अपनी जान गंवा बैठे हैं।

सुदामा का बड़ा बेटा प्रदीप कुमार सेना में तैनात है। सुदामा राजकीय इंटर कॉलेज खैनुरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। बृहस्पतिवार को विद्यालय के प्रधानाचार्य केएस बर्त्वाल, ​शिक्षक सतेंद्र त्रिपाठी, विनोद कुमार, प्रकाश डिमरी, तारेंद्र कनवासी और संतोष कांडपाल ने सुदामा लाल का ढांढस बंधाया।

​शिक्षकों ने बताया कि सुदामा का भरापूरा परिवार बिखर गया है। सुदामा लाल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। इधर, पाडुली गांव के विपिन के पिता होमगार्ड में तैनात थे। वह ड्यूटी पर चमोली में हुए हादसे में जांच के सिलसिले में पुलिस के साथ गए हुए थे। पिता से चाबी लेने के लिए विपिन मौके पर गए। इसी दौरान वहां करंट फैल गया और पिता पुत्र दोनों मौत के मुंह में चले गए।

चमोली में हुए दिल दहलाने वाले हादसे ने कई परिवारों को दोहरे जख्म दे दिए हैं। पाडुली गोपेश्वर निवासी सोबत लाल होमगार्ड में तैनात थे। बुधवार को जब एसटीपी में एक युवक के करंट से मरने की सूचना मिली तो वह ड्यूटी पर अन्य कर्मियों के साथ वहां पहुंचे। इसी दौरान गोपेश्वर से उनका बेटा विपिन (26) पिता से चाबी लेने के लिए चमोली गया। उसे क्या पता था कि मौत उनका इंतजार कर रही है। विपिन प्लांट में पहुंचा ही था तभी हादसा हो गया। फिर न बेटा लौटा और न पिता। घर में पिता पुत्र की मौत से मातम पसरा हुआ है। परिजन बदहवास पड़े हैं।

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