उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच की ओर से दिया गया सम्मान, मातृभाषा संरक्षण पर काम कर रहे डॉ. नेगी–
गोपेश्वर: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में कार्यरत प्रोफेसर डॉक्टर दर्शन सिंह नेगी को दिल्ली में कुसुम जगमोहरा पजल पारखी साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया है। उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच की ओर से उन्हें यह सम्मान दिया गया।
डॉ. दर्शन सोशल मीडिया के माध्यम से पहाड़ी औखणा के बारे में बताते हैं। हर वीडियो में वह एक या दो औखणों और उनके अर्थ को समझाते हैं। जिसकी सोशल मीडिया पर काफी प्रसंशा होती है। वह पिछले कई सालों से इस काम को कर रहे हैं। डॉ. नेगी जहां भी किसी सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करते हैं तो वहां पर लोगों को प्रेरित करते हैं कि घर में बच्चों के साथ अपनी बोली-भाषा में जरूर बात करें। डॉ. नेगी का कहना है कि जब हम अपनी बोली-भाषा में बात ही नहीं करेंगे तो वह कैसे आगे बढ़ेगी। जिस तरह से वर्तमान में लोग अपनी बोली-भाषा से दूर होते जा रहे हैं इससे एक दिन हमारी बोली भाषा विलुप्त हो जाएगी।