मानदेय सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नगर के मुख्य तिराहे से कलेक्ट्रेट परिसर तक किया प्रदर्शन, डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन–
गोपेश्वर: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को जनपद के वन पंचायत सरपंचों ने गोपेश्वर कलेक्ट्रेट परिसर तक प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। कलेक्ट्रेट परिसर में वन पंचायत सरपंचों ने बैठक भी की। संगठन के जिलाध्यक्ष कैलाश खंडूरी ने कहा कि वन सरपंच वनाग्नि की रोकथाम से लेकर जल, जंगल व जमीन के संरक्षण में हमेशा आगे रहते हैं, लेकिन उन्हें अधिकारों से वंचित रखा गया है।
वन सरपंचों ने वन अधिनियम की नियमावली 1976 के अनुसार पंचायती वन समिति के स्थान पर वन पंचायत सलाहकार समिति लिखे जाने, प्रदेश स्तर पर सलाहकार परिषद का गठन वन सरपंचों में से किए जाने, वनाग्नि अवरोधक समिति में अध्यक्ष पद पर ग्राम प्रधान के स्थान पर वन सरपंच को नामित किए जाने, वन नियमावली की विसंगतियों को दूर करके वन पंचायतों के अधिकार सुदृढ किए जाने, प्रत्येक वन पंचायत का सीमांकन राजस्व विभाग से करवाए जाने, प्रदेश में सभी वन पंचायतों के चुनाव एक साथ करवाए जाने और प्रत्येक वन पंचायत को वन पंचायत भवन प्रदान किए जाने समेत कई मांगें उठाई।
प्रदर्शन करने वालों में संगठन के उपाध्यक्ष बीपी सती, वीरेंद्र रावत, धनवंत्री रतूड़ी, प्रकाश पंवार, गोविंद सिंह, हरक सिंह रावत, हीरा सिंह जदोड़ा, सरोजनी देवी, बीना देवी, सुनीता, लखपत सगोई, त्रिलोक सिंह, सुशील ध्यानी, मोहन सिंह, हर्षवर्द्धन भट्ट, भालचंद्र चमोला, महावीर पंवार, ज्ञान सिंह, बचन सिंह, मथुरा प्रसाद, चमन सिंह, अरुणा खंडूरी, दीपा, शरादी देवी, बबली, लोकानंद हटवाल, सुजान सिंह, चंद्रसिंह, जमन सिंह, केशव चंद्र, सौरभ राजा, शशि देवी के साथ ही कई वन सरपंच मौजूद रहे।