हारे तो भाजपा को नहीं पड़ेगा कोई फर्क, लेकिन भंडारी की राजनीति राह हो जाएगी मुश्किल —
गोपेश्वर: चमोली जनपद में सबसे हॉट सीट रही बदरीनाथ विधानसभा के उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्रशासन से लेकर राजनीतिक दलों ने सीट को अपने कब्जे में लाने के लिए चुनाव प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भंडारी ने बदरीनाथ विधानसभा से जीत दर्ज की। तब गढ़वाल लोकसभा सीट के अंतर्गत् आने वाली 14 विधानसभाओं में कांग्रेस से एकमात्र राजेंद्र भंडारी ही विधायक चुनकर आए थे। इससे उनका राजनीति कद भी बढ़ गया था। लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 17 मार्च को भंडारी ने कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा ज्वॉइन कर दी। उन्हें तब विधायकी से भी त्यागपत्र देना पड़ा था, अब इस सीट पर उपचुनाव होना है।
भारत निर्वाचन आयोग ने 10 जुलाई को मतदान और 13 जुलाई को मतगणना की तिथि निर्धारित की है। यह चुनाव राजेंद्र भंडारी का राजनीति भविष्य तय करेगा। वो इसलिए कि उनकी जीत हार से भाजपा कांग्रेस को उतना फर्क नहीं पड़ेगा जितना भंडारी को पड़ेगा। भाजपा को इसलिए ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि यह सीट उनके पास पहले से नहीं थी, यदि भंडारी जीतते हैं तो पार्टी की एक सीट और बढ़ जाएगी। हारते हैं तो उनको कोई नुकसान नहीं होगा। वहीं कांग्रेस ने जो खोना था वह पहले ही खो चुकी है।
अब यदि कांग्रेस जीतती है तो उनके पास नया नेतृत्व उभर जाएगा, हारने की स्थिति में उनके पास खोने के लिए अब ज्यादा कुछ नहीं है। भंडारी अपने समर्थकों के साथ गांव-गांव में प्रचार अभियान में जुटे हैं, जबकि कांग्रेस में भी बैठकों का दौर चल रहा है। कांग्रेस से प्रत्याशी के रुप में सबसे मजबूत माने जा रहे लखपत बुटोलापिछले डेढ़ माह से गांव-गांव में प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं।