चमोली: विद्युत विभाग की जन सुनवाई में उपभोक्ताओं ने लगाई समस्याओं की झड़ी–

by | Feb 25, 2025 | चमोली, जागरुकता | 0 comments

कहा जिस घर में एक बुजुर्ग महिला रहती, वहां भी भेजे जा रहे हजारों के बिल, यात्रा सीजन व ऑफ सीजन में अलग-अलग हो बिजली बिलों का निर्धारण

गोपेश्वर, 25 फरवरी 2025: मंगलवार को गोपेश्वर के जिला पंचायत सभागार में विद्युत नियामक आयोग की ओर से जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में लोगों ने अ​धिक धनरा​शि के बिल भेजने, तीन किलोवाट के विद्युत भार के बिल बनाए जाने व कई अन्य समस्याएं उठाई। पीपलकोटी सहित आसपास के होटल व्यवसायियों ने यात्रा सीजन व यात्रा बंद होने के बाद बिजली के बिलों का निर्धारण अलग-अलग करने की मांग रखी।

जनसुनवाई कार्यक्रम में व्यावसायिक व घरेलू बिजली से संबंधित 40 से अधिक शिकायतें आई। पीपलकोटी के होटल व्यवसायी अतुल शाह और मानवेंद्र पाल ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान बिजली जितनी खर्च हो रही है उतना ही बिल आना चाहिए। यात्रा सीजन में खपत बढ़ जाती है तो ऊर्जा निगम कनेक्शन का किलोवाट बढ़ा देता है, जिसमें बिल काफी अधिक आते हैं, लेकिन यात्रा सीजन खत्म होने के बाद भी वैसे ही भारी भरकम बिल आते रहते हैं।

यात्रा सीजन में उनकी विद्युत खपत 30 किलोवाट के आसपास थी, लेकिन सीजन बंद होने के बाद जब होटल लगभग बंद हैं तब भी उतनी ही खपत कैसे हो सकती है। उपभोक्ताओं ने बिजली की दरें अधिक होने, यात्रा सीजन में बार-बार बिजली कटौती होने, पीपलकोटी क्षेत्र में ट्रांसफार्मर की संख्या बढ़ाने, क्षेत्र में बंच केबल लगाने की मांग उठाई। लांसी के पूर्व प्रधान बीरेंद्र रावत ने फरस्वाण फाट क्षेत्र में बंच केबल लगाने की मांग रखी। विपिन ने कहा कि बिजली के बिलों में साल दर साल बढोत्तरी की जा रही है, जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

इस मौके पर आयोग के सचिव नीरज सती, निदेशक टेक्निकल प्रभात किशोर डिमरी, निदेशक फाइनेंस दीपक पांडे, निदेशक लाइसेंस गौरव शर्मा, नगर पालिका गोपेश्वर के अध्यक्ष संदीप रावत के अलावा ऊर्जा निगम के अधिकारी मौजूद रहे। प्रदीप बिष्ट ने कहा कि जिन घरों में अकेले बुजुर्ग निवास कर रहे हैं उनका बिल भी तीन किलोवाट विद्युत भार क्षमता का दिया जा रहा है।

जिससे भारी-भरकम बिल आ रहे हैं। कुछ उपभोकताओं ने चार माह का बिल एक साथ आने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें उपभोक्ता पर अधिक पैसा देने के साथ ही अतिरिक्त शुल्क का भी भार बढ़ जाता है। बिजली बिल प्रत्येक माह के हिसाब से आने चाहिए।

पीपलकोटी के हरीश पुरोहित ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान बिजली की काफी कटौती की जाती है, जिससे तीर्थयात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बिजली के संबंध में जब ऊर्जा निगम के अधिकारियों को फोन किया जाता है तो फोन नहीं उठता है।

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