धुर्मा सड़क अवरुद्ध होने के कारण कोई भी अधिकारी नहीं पहुंच पाया था धुर्मा गांव, गांव में 32 आपदा प्रभावित परिवार–
नंदानगर, 20 सितंबर 2025: आपदा प्रभावित धुर्मा गांव की सड़क वाहनों के लिए खुलने के बाद शनिवार को जिलाधिकारी संदीप तिवारी धुर्मा गांव पहुंचे और अपदा प्रभावितों का हालचाल जाना। धुर्मा गांव में अभी भी प्रीतम सिंह और विक्रम सिंह मलबे में दबे हुए हैं। ग्रामीणों ने मलबा हटाने के लिए बड़ी मशीनों को लगाने की मांग की है। सािा ही गांव को विस्थापित करने की मांग की है। गांव में 32 आपदा प्रभावित परिवार हैं।
चमोली जिला प्रशासन की ओर से आपदा प्रभावित धुर्मा गांव के लिए राहत सामग्री वितरित की गई। लेकिन सड़कबाधित होने के कारण यहां कोई नहीं जा पा रहे थे। शनिवार को धुर्मासड़क खुल गई है।
गांव में कोई भी मकान ऐसा नहीं बचा है, जहां ग्रामीण रात को निवास कर सके। मकान और गौशाला मलबे में दब गए हैं। गांव के मंगल सिंह और धीरज सिंह का कहना है कि आपदा से गांव त्रस्त है। सड़क, बिजली, पानी की सेवा ठप पड़ी है। स्वास्थ्य की सुविधा भी नहीं मिल रही है। गोशालाओं में मवेशी भी बढ़ी संख्या में दबे हैं। वहीं, आपदा ने ग्रामीणों का रोजगार भी छीन लिया है।
गांव के मंगल सिह ने रोजगार के लिए मछली का तालाब बनाया था। यहां मछलियों का उत्पादन भी होने लग गया था। लेकिन बादल फटने के बाद गांव में आए मलबे में तालाब भी क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने मछली के तालाब को बनाने में दस लाख रुपये खर्च किए थे।