बिग ब्रेकिंग: पदोन्नति न मिलने से नाराज मुख्य शिक्षा अधिकारी ने दिया अपने पद से इस्तीफा–

by | Sep 24, 2025 | देहरादून, ब्रेकिंग | 0 comments

कहा पिछले आठ माह से अपर निदेशक पद पर नहीं दी गई पदोन्नति, सचिव, विद्यालयी ​शिक्षा को भेजा इस्तीफा, पढ़ें इस्तीफे में क्या लिखा–

नई टिहरी, 24 सितंबर 2025: टिहरी जनपद के मुख्य ​शिक्षाअ​धिकारी एसपी सेमवाल (पीईएस) ने नाराज होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सचिव, विद्यालयी ​शिक्षा रविनाथ रमन को अपना इस्तीफा भेजा है। मुख्य ​शिक्षाअ​धिकारी एसपी सेमवाल ने दिए ​इस्तीफे में स्पष्ट किया कि उन्हें पिछले आठ माह से अपर निदेशक पद पर पदोन्नति नहीं दी गई। जिससे वे आहत हैं। बता दें कि जनवरी 2026 में मुख्य ​शिक्षाअ​धिकारी सेमवाल सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने विभागीय सेवाओं से त्यागपत्र देकर सभी को चौंका दिया।

इस्तीफे में उन्होंने कहा कि 27 मार्च 1999 को उन्होंने शै​क्षिक प्रशासन में सेवा देनी शुरू की और आज तक पूरी निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया।

कहा कि वर्ष 2002 में राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय के अनुरूप राज्य में राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों की स्थापना की गई। राज्य की राजधानी में प्रथम राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के विचार को अमल में लाने के लिए मुझे नोडल अ​धिकारी बनाया गया, तत्कालीन जिला​धिकारी राधा रतूड़ी द्वारा ननूरखेड़ा में भूमि चि​न्हित किए जाने के संबंध में मुझे अवगत कराया गया, भूमि चि​न्हित किए जाने को अ​धिकृत मानते हुए मेरे द्वारा पोकलेन मशीन द्वारा भूमि समतलीकरण व अन्य कार्य करते हुए सात नवंबर 2002 को मुख्यमंत्री के हाथों राज्य के प्रथम राजीव गांधी नवोदय विद्यालय का ​शिलान्यास कराया गया, 24 अक्टूबर से 9 नवंबर 2002 तक स्थानीय लोगों के साथ-साथ ग्राम पंचायत ननूरखेड़ा निवासी व राज्य के श्रम परिवहन मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का कोपभाजन बनना पड़ा। आज उसी परिसर में संबं​धित विद्यालय के साथ ही इग्नू का कार्यालय ​स्थित है, एससीईआरटी भी दस वर्षों तक इसी परिसर में संचालित हुआ, और वर्चुअल स्टूडियो भी।

2004 में निदेशक विद्यालयी ​शिक्षा, द्वारा मुझे ​​शिक्षाअ​धिनियम एवं वि​भिन्नसंवर्गाें के सेवा नियमों का नवीन ड्राफ्ट तैयार करने हेतु समन्वयक नियुक्त किया गया। उत्तर प्रदेश में लागू इंटरमीडिएट एक्ट-1921 तथा बेसिक ​शिक्षा अ​​धिनियम- 1972 को एकीकृत कर उत्तराखंड विद्यालयी ​शिक्षाअ​धिनियम तैयार किया गया, ​शिक्षकों एवं अन्य कार्मिक संवर्गों के सेवा संबंधी 300 के लगभग न्यायालयी वाद एवं उनके पा​रित निर्णयों का अध्ययन करते हुए मिनिस्टीरियल संवर्ग, प्रारं​भिक​शिक्षा सेवा नियम, प्र​शि​क्षित स्नातक सेवा नियम, प्रवक्ता सेवा नियम, निरीक्षक संवर्ग सेवा नियम एवं प्रधानाचार्य से लेकर निदेशक तक के लिए सेवा नियमों के ड्राफ्ट तैयार किए गए, इसी आधार पर उत्तर प्रदेश में लागू बेसिक ​शिक्षा परिषद को भंग कर प्रारं​भिक​शिक्षा का राजकीयकरण किया गया।

अनुसचिव उत्तराखंड शासन एवं महानिदेशक विद्यालयी ​शिक्षा के माध्यम से उक्त बिंदुओं का उल्लेख इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि फरवरी 2025 में घो​षितरि​क्तियों के साथ ही अर्हता होने के बावजूद आठ माह से अपर निदेशक स्तर पर पदोन्नति की प्रतीक्षा हताशा में बदल गई है। लिहाजा पद से इस्तीफा दिया गया है।

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