कर्मचारियों ने जड़ी-बूटी शोध सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष भुवन विक्रम डबराल को सुनाई पीढ़ा, बोर्ड बैठक में होगा अब निर्णय–
गोपेश्वर, 10 अक्टूबर 2025: चमोली जनपद में स्थित उत्तराखंड के जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान में कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जो पिछले 24 सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मेहनताना के नाम पर माहभर में सिर्फ आठ हजार पांच सौ अस्सी रुपये मिल रहा है। ये कर्मचारी हैं संस्थान के माली। 24 माली पिछले 24 सालों से इसी न्यूनतम मानदेय पर नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने अवकाश की सुविधा भी नहीं मिलती है।
मालियों ने कहा कि वे वर्ष 2002 से संस्थान की नर्सरियों में काम कर रहे हैं। दिनभर वे नर्सरी में काम करते रहते हैं, लेकिन उन्हें सम्मानजनक मानदेय नहीं मिल पाता है। उपाध्यक्ष भुवन विक्रम डबराल ने कहा कि जल्द ही संस्थान की बोर्ड बैठक आयोजित हो रही है। इसमें उनके मानदेय की बात रखी जाएगी।
माली समूह ने जड़ी-बूटी सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष भुवन विक्रम डबराल को बताया कि वे न्यूनतम मानदेय पर पिछले 24 सालों से काम कर रहे हैं। उन्होंने मानदेय बढ़ाने की मांग की। जिस पर श्री डबराल ने आगामी बोर्ड बैठक में उनकी समस्या को रखने का आश्वासन दिया।