जो बोले सो निहाल: हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद, साल की अंतिम अरदास में उमड़े श्रद्धालु–

by | Oct 10, 2025 | आस्था, चमोली | 0 comments

सेना व पंजाब के बैंडों की मधुर स्वर लहरियों के बीच सचखंड में विराजमान हुए गुरुग्रंथ साहिब,

जय बोले सो निहाल के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे में मत्था टेका

गोविंदघाट, 10 अक्टूबर 2025: 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सिखों के प्रसिद्ध और पवित्र तीर्थ हेमकुंड साहिब के कपाट शुक्रवार को पूरे विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के मौके पर 2000 से अ​धिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब में मत्था टेकने पहुंचे।

सेना व पंजाब के बैंड धुनों के साथ पंचप्यारों की अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को सजखंड में विराजमान कर दिया गया है। इसके बाद वि​धि-विधान से हेमकुंड साहिब के कपाट बंद हुए। कपाट बंद होने के मौके पर हेमकुंड साहिब क्षेत्र जो बोले सो निहाल के जयकारों से गुंजायमान हो गया।

सवा ग्यारह बजे शबद कीर्तन किया गया, साढ़े 12 बजे साल की अंतिम अरदास की गई। इसके बाद पंच प्यारों की अगुवाई में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को सच खंड में सुशोभित किया गया। दोपहर ठीक एक बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

कपाट बंद होने के दौरान दौरान चार हजार श्रद्धालु मौजूद रहे। इस अवसर पर गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

इस वर्ष यात्राकाल के दौरान दो लाख 72 हजार श्रद्धालुओं ने मत्था टेका। गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि इस साल बरसात में मौसम खराब होने के बावजूद भारी संख्या में श्रद्धालु मत्था टेकने पहुंचे। बरसात की विकट परीस्थितियों के बावजूद श्रद्धालुओं का नया रिकार्ड बन गया है।

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