गोपेश्वर। चमोली जनपद की निजमूला घाटी में आम लोगों का जीवन सचमुच दुश्वारियों से भरा पड़ा है। घाटी में आज भी ग्रामीण सड़क, स्वास्थ्य, संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। घाटी में जो भी सुविधाएं अभी तक मिली हैं, वे भी आंदोलन के बूते मिली हैं। ऐसा नहीं है कि घाटी का जिले में प्रतिनिधित्व नहीं है। लेकिन दुर्भाग्य ऐसा कि घाटी की सुध लेने तक के लिए भी इन जनप्रतिनिधियों के पास समय नहीं है। घाटी में सबसे बड़ी दिक्कत है सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं की।
दरअसल, सोमवार को पाणा भनाली गांव के मदन राम पुत्र सिबाली राम पैदल फिसलने से चट्टान से खाई में गिर गए। जिससे उनके पेर में फ्रेक्चर आ गया। पांव के साथ ही शरीर के अन्य जगहों पर भी चोटें आई। आसपास अस्पताल न होने के कारण ग्रामीणों को घायल व्यक्ति को डंडी के सहारे सड़क तक पहुंचाना पड़ा और यहां से वाहन से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मकर सिंह, नंदू लाल, रंजीत लाल, मकान सिंह आदि का कहना है कि गांव तक सड़क नहीं है, जिससे लंबी दूरी पैदल नापनी पड़ती है। क्षेत्र में अस्पताल का भी अभाव है। आपदा के समय ग्रामीणों को हर वक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।