डा. हरक सिंह रावत की चर्चा से केदारनाथ की ठंडी फिजाओं में शुरू हो गई राजनीतिक गर्माहट, केदारनाथ सीट कभी महिला आरक्षित नहीं रही, फिर भी शुरू से ही रहा महिलाओं का दबदबा–
रुद्रप्रयाग। भाजपा के लिए केदारनाथ और कर्णप्रयाग सीट बेहद दिलचस्प बनती जा रही है। केदारनाथ सीट पर भाजपा से डा. हरक सिंह रावत के नाम की चर्चा से केदारनाथ की ठंडी फिजाओं में राजनीतिक गर्माहट पैदा कर दी है। केदारनाथ सीट पहले से ही बेहद रौचक रही है। केदारनाथ विधानसभा सीट कभी महिला आरक्षित नहीं रही, जबकि यहां पूर्व से ही महिलाओं का खासा दबदबा रहा है।राज्य गठन के बाद केदारनाथ विधानसभा सीट से भाजपा समर्थित आशा नौटियाल विधायक निर्वाचित हुई और लगातार दो पंच वर्षीय 2002 और 2007 में विधायक रहीं। इसके बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई शैलारानी रावत को भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया और शैला ने जीत दर्ज कर दी। वर्ष 2017 में भी भाजपा ने शैला रानी पर दांव खेला, जिससे नाराज होकर भाजपा की पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस ने पहली बार युवा पत्रकार मनोज रावत को प्रत्याशी घोषित किया। नतीजा यह रहा कि कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत ने जीत दर्ज कर ली। दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत रहे, जबकि तीसरे नंबर पर निर्दलीय आशा नौटियाल रही और चौथे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी शैला रानी रावत रही। अब इस बार फिर भाजपा में टिकट के लिए मारामारी है। पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने फिर भाजपा ज्वाइन कर अपनी मजबूत दावेदारी हाईकमान के सम्मुख रखी है, जबकि शैला रानी रावत भी पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतर आई हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, अजेंद्र अजय, अशोक खत्री, दिनेश बगवाड़ी, ममता नौटियाल, आशुतोष किमोठी, शकुंतला जगवाण, बीना बिष्ट भी टिकट की लाइन में हैं। केदारनाथ सीट पर इस बार भी महिलाओं की फेहरिस्त लंबी है। यहीं स्थिति चमोली जनपद के कर्णप्रयाग सीट पर भी बनी हुई है। कर्णप्रयाग सीट मौजूदा समय में भाजपा के पास है। 2017 में कांग्रेस के उम्मीदवार स्व. अनसूया प्रसाद मैखुरी को 7549 मतों से हराकर भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2021 में विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी अस्वस्थ रहने के कारण लंबे समय तक सक्रिय राजनीति से दूर रहे। जिसके चलते पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव मैदान में उतरने की तैयारियां शुरू कर दी। इनमें भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री पंकज डिमरी, टीका प्रसाद मैखुरी, भाजपा राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा, पूर्व विधायक अनिल नौटियाल, एबीवीपी नेता रमेश गड़िया का नाम दावेदारों की सूची में आगे है। संभावित प्रत्याशियों ने गांव-गांव में संपर्क अभियान भी शुरू कर दिया। हालांकि स्वस्थ होकर लौटे सुरेंद्र सिंह नेगी भी जनसंपर्क में जुट गए हैं। अब भाजपा के सम्मुख अपनी कर्णप्रयाग सीट को बरकरार रखने की चुनौति तो है कि साथ ही संभावित दावेदारों में एकराय बनाने की चुनौति भी है।