— बामणी गांव में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भालू के आतंक से स्थानीय निवासी परेशान हैं। जिससे स्थानीय निवासियों के घरों के दरवाजों को तोड़कर भालू घरों के अंदर के सामान के साथ ही घर के चारों दीवारों को तोड़कर घरों को क्षति पहुंचा रहा है, जिससे ग्रामीण बहुत ही परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खोले जाने हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भी कपाट खुलने के 5 से 7 दिन पहले बामणी गांव जाने की परमिशन दी जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों को अपने घरों को बनाने में अधिक समय लग जाएगा। ऐसे में ग्रामीण अपनी खेती बाड़ी भी समय पर नहीं कर पाएंगे।स्थानीय लोगों द्वारा कई बार वन विभाग को भालू के आतंक की जानकारी दी जा चुकी है, जिस पर वन विभाग के द्वारा अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कपाट खुलने पर उन्हें भी भालू से खतरा बना रहेगा।