खेत में पकी गेहूं की फसल बंदर और जंगली सुअर कर रहे बर्बाद, ग्रामीणों ने डीएम से मांगा मुआवजा–
पोखरीः विकास खंड के गांवों में इन दिनों गेहूं की फसल पूरी तरह से पककर तैयार है, लेकिन बंदर और जंगली सुअर फसल को बेरहमी से बर्बाद कर रहे हैं. परेशान ग्रामीणों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर फसल के नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है. क्षेत्र के गांवों में जंगली सुअर, बंदर और लंगूर ग्रामीणों की छह महीने की मेहतन को एक झटके में तहस-नहस कर रहे हैं. इन दिनों यहां गेहूं की फसल पक रही है, लेकिन दिन में बंदर और लंगूर गेहूं को चट कर रहे हैं तो रात को सूअर आकर बाकी कसर पूरी कर दे रहे हैं। जिससे काश्तकार काफी परेशान हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग की है।
शरद बुटोला, हर्षवर्धन चौहान, रघुवीर चौधरी, गजेंद्र नेगी, संदीप बर्त्वाल, देवेंद्र सिंह राणा और विनोद लाल का कहना है कि वह इस समय गेहूं की फसल की कटाई की तैयारी में जुटे हैं, लेकिन जंगली जानवर उनके खेतों में खड़ी फसल को बर्बाद कर रहे हैं। स्थिति यह है कि कई काश्तकारों की अधिकांश फसल बर्बाद हो चुकी है। कांडई चंद्रशिला, रडुवा, जौरासी, तोणजी, चौंडी, मजयाडी, मसोली, नैल नौली, विनगढ़, कुजासू सहित विभिन्न गांवों में बंदर और लंगूरों के कई झुंड आए दिन आकर फसल को चौपट कर रहे हैं। उनका कहना है कि जंगली जानवरों के डर से लोग धीरे-धीरे खेती छोड़ते जा रहे हैं। जिसके चलते गांवों में पलायन तेज हो रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि काश्तकारों को हुए नुकसान का मुआवजा दिलाया जाए और फसलों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।