परंपरागत जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने को महिला मंगल दल आया आगे–
जोशीमठः अपने में जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों को समेटे खूबसूरत उर्गम घाटी में महिला मंगल दल और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने परंपरागत जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की सार्थक पहल शुरू की है। लोक विज्ञान संस्थान देहरादून स्थानीय कल्प क्षेत्र में कार्यरत स्वैच्छिक संगठन जय नंदा देवी स्वरोजगार शिक्षण संस्थान (जनदेश), महिला मंगल दल पिलखी व युवक मंगल दल के संयुक्त प्रयासों से पंच केदार के कल्पेश्वर घाटी में चार जल स्रोतों के पुनर्जीवित करण के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
पिलखी गांव में मगरा नामक जल स्रोत के ऊपर जलतियों का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। ग्राम संगठन की पदाधिकारी प्रीति देवी ने कहा कि इस प्रयास से जल स्रोत पुनर्जीवित हो सकते हैं। युवक मंडल अध्यक्ष नंदा सिंह ने कहा की हमारे गांव में पानी का बड़ा संकट है, इस प्रयास से जल स्वरूप पुनर्जीवित हो सकता है। पीएसआई के धर्मेंद्र राणा ने कहा कि समुदाय आधारित कामों में जनभागीदारी से ही निरंतर विकास हो सकता है।
लंबे समय से सामाजिक सरोकारों से जुड़े लक्ष्मण सिंह नेगी ने कहा कि जन संगठनों की ताकत हमारी ताकत है। हम लोगों ने जो भी सफलता हासिल की वह जन सरोकारों से प्राप्त हुई है। कम्युनिटी आधार पर सामुदायिक कार्यकर्ता राजेंद्र रावत ने भी लोगों से अपील की है कि लोग इसको एक रचनात्मक पहल से काम को आगे बढ़ाएं। इस गांव में 840 जल तलैया बनाई जानी है, जिसमें 70% मजदूरी भुगतान, 25 प्रतिशत सामुहिक श्रमदान और पांच प्रतिशत ग्रामकोष में जाएगा। इसी तरह से कल्पेश्वर घाटी के भरकी, सलना, पिलखी आदि गांव के जल स्रोतों के ऊपर इस तरह के काम को बढ़ावा दिया जा रहा है।