इन दिनों मंदिर में चल रहा है महायज्ञ, पढ़ें क्या है पूरा मामला–
अगस्त्यमुनिः कुष्मांडा गांव में क्षेत्र की आराध्य देवी माता कुष्मांडा के मंदिर में जहां एक ओर आचार्य ब्राह्मणों द्वारा वेद मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ कुंड में सैकड़ों मंत्रों की आहूतियां दी जा रही हैं, वहीं मंदिर के यज्ञ समिति को न्यायालय का नोटिस मिलने से हड़कंप मच गया है। कुमड़ी गांव में 12 जून से चल रहे नौ दिवसीय महायज्ञ में परंपरागत हक हकूकों को खत्म किए जाने से नाराज ब्रह्ममंडली बेंजी ने विरोध जताते हुऐ यज्ञ समिति को नोटिस भेजा है।
कहा गया है कि साल 2004 में 5 ब्राह्मण जिनमें विष्णु दत्त बेंजवाल, रमेशचंद्र बेंजवाल, चंद्र प्रकाश बेंजवाल, पुरुषोत्तम बेंजवाल, संजय बेंजवाल ने कुमड़ी में यज्ञ सम्पादित किया था। इससे पूर्व वर्ष 1911-12 के महायज्ञ में दिवाकर दत्त बेंजवाल यज्ञाधिकारी थे। लेकिन इस बार वर्षों पुरानी परंपरा की अनदेखी करते हुऐ यज्ञ समिति ने मनमाने ढंग से यज्ञ प्रारंभ किया है।
कुमड़ी ग्राम की कुमासैणी माता को मुनि अगस्त्य द्वारा उत्पति नव शक्तियों में से एक माना जाता है। क्षेत्र में मुनि अगस्त्य से जुड़े सभी 22 मठ मंदिरों में निश्चित समयातंराल पर महायज्ञ की परंपरा है। इस परंपरा में कुणजेटी, बेंजी, सिल्ला, बीरों देवल के ब्राह्मण नियत रूप से यज्ञ आचार्य, ब्रह्मा, चार चरणों के अधिकारी होते है। किन्तु इस बार प्राचीन परंपराओं को दरकिनार करते हुए बेंजी और बीरों देवल गाँव के हक हकूकों को षडयंत्र स्वरूप फैलाए गये झूठ के आधार पर खत्म करते हुए सिल्ला के ब्राह्मण यज्ञाचार्य, ब्रह्मा और चरणों में बैठ गए। जिसका समस्त पंच ब्राह्मण बेंजी और बीरों देवल ने विरोध जताया है।